Damoh assault : मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, एक आरोपी के खिलाफ रासुका लगाया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बाद दमोह शहर में दो समुदायों के लोगों के बीच हुई झड़प की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए मामले के एक आरोपी अकरम खान राइन के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
पुलिस ने बताया कि शनिवार की रात एक दर्जी और दूसरे समुदाय के कुछ लोगों के बीच झड़प के बाद एक समुदाय के कई सदस्यों ने दमोह शहर के कोतवाली पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
Highlights
- एक आरोपी के खिलाफ रासुका लगाया
- मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
- जांच करेंगी कि क्या विरोध पूर्व नियोजित
दमोह में उपद्रवियों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाडी
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ‘एक्स’ पर ट्वीट किया, ‘‘दमोह में उपद्रवियों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की, जिसे पुलिस प्रशासन ने समय रहते नियंत्रित कर लिया। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश दिये हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश में शांति बनाए रखना सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो उन कारणों की जांच करेगी जिनके कारण विरोध हुआ और घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान भी की जाएगी।
जांच करेंगी कि क्या विरोध पूर्व नियोजित
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मीना मसराम यह भी जांच करेंगी कि क्या विरोध पूर्व नियोजित था।
पुलिस अधीक्षक सुनील तिवारी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को अकरम खान राइन के खिलाफ रासुका लागू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसे कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया था। कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी आनंद सिंह ने कहा, सिले हुए कपड़ों की समय पर डिलीवरी को लेकर शनिवार को लल्लू शर्मा और दर्जी अंसार खान के बीच मामूली विवाद हुआ, जब हाफ़िज़ (एक मुस्लिम मौलवी) ने हस्तक्षेप किया तो शर्मा और उसके साथियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
संख्या में लोग पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा
उन्होंने कहा, जल्द ही, बड़ी संख्या में लोग पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हो गए और दो घंटे के भीतर आरोपी (दूसरे समुदाय के) को गिरफ्तार करने और उसके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग करने लगे। उन्होंने बताया कि मौलवी और कुछ अन्य लोग भी भीड़ को शांत करने की कोशिश कर रहे थे। दर्जी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और शनिवार रात दो लोगों को गिरफ्तार किया।
सिंह ने कहा कि जब पुलिस भीड़ को तितर-बितर कर रही थी तो अकरम खान मोबाइल लाउडस्पीकर पर भीड़ को संबोधित कर रहा था। इसमें कथित तौर पर कहा गया कि अगर पुलिस 24 घंटे के भीतर न्याय करने में विफल रही तो आरोपियों (मुस्लिम मौलवी के साथ कथित दुर्व्यवहार में शामिल) के हाथ काट दिए जाएंगे और उनका गला काट दिया जाएगा।
30 से 40 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा
उन्होंने कहा कि पुलिस ने 30 से 40 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 143 (गैरकानूनी सभा) और 147 (दंगा के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि अकरम खान और उनके दो सहयोगियों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच, कथित तौर पर एक व्यक्ति को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी देने वाला एक वीडियो वायरल हो गया है। एक अन्य वीडियो क्लिप में पुलिस अधिकारी आनंद सिंह को भीड़ से यह कहते हुए दिखाया गया है कि दो आरोपियों (मारपीट की घटना में शामिल) को गिरफ्तार कर लिया गया है और 24 घंटे के भीतर अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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