छत्तीसगढ़ में किसानों टमाटर का नहीं मिल रहा सही दाम, सड़कों पर फेंके टमाटर
लंबे समय से किसानों को फसल की सही किमत नहीं मिल पाती जिसकी वजह से किसान विरोध करने के लिए अपनी फसलों को सड़क पर फेंक देते है। किसानों की ये समस्या अभी खत्म नहीं हुई है आज भी छत्तीसगढ़ में किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है।
सड़क पर फेंका जा रहा टमाटर
वैसे तो इस राज्य में सरगुजा संभाग में टमाटर का बढ़िया उत्पादन हुआ था लेकिन जब टमाटर को बेचकर किसानों को लाभ लेना था तब किसानों को लाभ नहीं मिला। जिसके चलते छत्तीसगढ के किसान टमाटर को सड़को पर फेंक रहे है।
एक समय में 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिकता था टमाटर
एक समय था जब टमाटर 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा था लेकिन
अब टमाटर की कीमत मडी में इतनी कम हो गई है कि किसानों को मूल कीमत भी नहीं मिल रही है। इससे निराश होकर किसान टमाटर फेंक भी दे रहे हैं। इसकी शुरुआत बलरामपुर जिले के रामानुजगंज हो चुकी है।
लगातार गिर रहे टमाटर के दाम
जुलाई-अगस्त महीने में यहां टमाटर 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, लेकिन अब यहां बाजार में टमाटर का दाम तीन रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से किसानों ने टमाटर सड़क पर फेंक दिया। पिछले कुछ दिनों से लगातार टमाटर के दाम में गिरावट आ रही थी और गुरुवार को स्थिति ऐसी हो गई कि रामानुजगंज के थोक सब्जी बाजार में टमाटर तीन रुपये किलो बिकने लगा है ।
दूसरे जिलों में नहीं है ऐसी स्थिति
वहीं सरगुजा संभाग के दूसरे जिलों में ऐसी स्थिति नहीं है। टमाटर का उत्पादन अधिक होने के कारण निश्चित रूप से किसानों को उम्मीद के अनुरूप थोक बाजार में दाम नहीं मिल पा रहा है लेकिन फूटकर बाजार में अंबिकापुर शहर में उच्च गुणवत्ता का टमाटर 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि छोटे आकार के टमाटर 10 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहे हैं।