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'वन नेशन-वन इलेक्शन' होने से विकास कार्य में आएगी तेजी - झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

02:44 AM Sep 19, 2024 IST
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मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' प्रस्ताव को पास कर दिया है। अब इस बिल को सदन में पेश किया जाएगा। इसको लेकर पक्ष-विपक्ष की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी।
वन नेशन वन इलेक्शन भाजपा के एजेंडा था - शाह
प्रतुल शाह देव ने बताया कि वन नेशन वन इलेक्शन भारतीय जनता पार्टी के एजेंडा में भी था। अब केंद्रीय सरकार ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' होने से भारी पैमाने पर समय और संसाधन की बचत होगी और विकास कार्य भी तेज होगा।
आदर्श आचार संहिता लग जाने के कारण बाधित रहता है विकास कार्य
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनी कमेटी ने हजारों पन्ने की अपनी रिपोर्ट मार्च में ही केंद्र सरकार को सौंप दी थी। इस मुद्दे पर पूरे देश में संबंधित लोगों से समिति ने व्यापक चर्चा की थी।
प्रतुल शाह ने आगे कहा कि यह सत्य है कि हर समय देश में किसी न किसी राज्य में या किसी क्षेत्र में चुनाव होते रहता है। आदर्श आचार संहिता लग जाने के कारण विकास कार्य बाधित रहता है। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' से इस समस्या का निदान हो जाएगा। 'वन नेशन-वन इलेक्शन' चुनाव की सुधार प्रक्रिया में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आने वाले सत्र में सदन में कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को पेश करके चर्चा कराए जाने की संभावना है। यह मोदी सरकार है, जो कहती है, वह निश्चित रूप से करती है।
केंद्रीय कैबिनेट ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को दी मंजूरी
ज्ञात हो कि, केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है। रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने चाहिए। इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि निकाय चुनाव को भी लोकसभा और राज्य विधानसभा के संपन्न होने के बाद जल्द ही कराया जाए।
पीएम मोदी ने इस पहल का नेतृत्व करने और पूरी प्रक्रिया के दौरान विभिन्न दलों से विचार-विमर्श करने के लिए देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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