शिवकुमार : कार सेवक की गिरफ्तारी कानून-व्यवस्था का मामला है
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि हुबली में एक कथित कार सेवक की गिरफ्तारी कानून-व्यवस्था का मुद्दा था, न कि प्रतिशोध की राजनीति का। सदाशिवनगर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''हम प्रतिशोध की राजनीति नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम कर रहे हैं। हमारा शांतिप्रिय राज्य है और यहां असामाजिक गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है।
HIGHLIGHTS
- कार सेवक की गिरफ्तारी कानून-व्यवस्था का मामला है
- राजनीतिकरण करने की कोशिश
- विपक्षी नेताओं की योजना के बारे में की जा रही पुछताछ
राजनीतिकरण करने की कोशिश
उन्होंने कहा, ''बीजेपी इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। गृह मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार केवल लंबित मामलों को निपटाने की कोशिश कर रही है। जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन किया है और राज्य का अपमान किया है, उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।'बीजेपी सात महीने तक विपक्ष का नेता नहीं चुन सकी। अब जब आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो वे यह दिखाने के लिए ये मुद्दे उठा रहे हैं कि वे राजनीतिक रूप से जीवित हैं। लोकतंत्र में जनता उनके कृत्यों का जवाब देगी। हम उनकी तरह दूसरे दलों के पार्टी कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान बेंगलुरु और हुबली में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए हैं। हमने ऐसा कुछ नहीं किया है और हम भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे।
विपक्षी नेताओं की योजना के बारे में की जा रही पुछताछ
हुबली में पुलिस स्टेशन का घेराव करने की विपक्षी नेताओं की योजना के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, ''उन्हें ऐसा करने दीजिए। जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने राज्य पुलिस की खाकी वर्दी का भगवाकरण किया, हम ऐसी चीजें नहीं करेंगे। लोकायुक्त द्वारा उनके खिलाफ जांच फिर से शुरू करने पर एक पत्रकार की टिप्पणी का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''मुझे इस संबंध में कोई नोटिस नहीं मिला है। जब मुझे कोई नोटिस मिलेगा तो मैं टिप्पणी करूंगा।
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