श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक शिवमोग्गा जिले में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, स्थानीय प्रशासन इसलिए लगाई रोक
कर्नाटक राज्य के शिवमोग्गा प्रशासन ने श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक के जिले में प्रवेश पर 17 अक्टूबर से 30 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। बीते दिनों शिवमोग्गा जिले में ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक झड़पें देखने को मिली थी। जिले में हुई इस हिंसा से निपटने के तरीके के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना भी हुई थी। प्रखर हिंदुत्व समर्थक मुथालिक को मंगलवार रात शिवमोग्गा जाते समय अधिकारियों ने नोटिस दिया था। मुथालिक ने मंगलुरु से यात्रा की शुरुआत की थी और शिवमोग्गा के रागीगुड्डा क्षेत्र का दौरा करने की योजना बनाई थी, जहां उपद्रवियों ने हिंदुओं के घरों में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था और उन पर हमला किया था।
प्रमोद मुतालिक के खिलाफ दर्ज हो चुका है केस
मुथालिक ने बुधवार को घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें मस्थिकत्ते के पास शिवमोग्गा के रास्ते में रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। उन्हें दावणगेरे जिले में ले जाया गया और वहां छोड़ दिया गया। मुथालिक ने कहा कि मैं अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा। मेरा इरादा शिवमोग्गा शहर के रागीगुड्डा इलाके में हमला करने वाले हिंदुओं को सांत्वना देना था। लेकिन, पुलिस ने मुझे रोक दिया। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया हिंदू विरोधी हैं। ये घटनाक्रम कथित उनके निर्देशों के अनुसार हो रहा है। बता दें कर्नाटक पुलिस ने दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ ‘हेट स्पीच’ देने के लिए श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।
नाथूराम गोडसे राष्ट्र-विरोधी नहीं-मुथालिक
मुथालिक ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि राज्य में गणेश विसर्जन के जुलूसों में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीरें किसने प्रदर्शित की।उन्होंने कहा कि नाथूराम गोडसे राष्ट्र-विरोधी नहीं था। उन्होंने गांधी जी को मारने के लिए सुपारी नहीं ली थी। उन्होंने देशहित में महात्मा गांधी की हत्या को अंजाम दिया। इसका मतलब यह नहीं कि मैं महात्मा गांधी की हत्या का बचाव कर रहा हूं। गोडसे राष्ट्र के खिलाफ नहीं था।