Uttarkashi Tunnel Rescue: 10 दिन के बाद भी टनल में फंसे हैं मजदूर, पाइप लाइन से पहुंचाया जा रहा खाना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा-बारकोट के बीच बन रहे सुरंग में हुए हादसे को हुए 10 दिन हो गए हैं। अंदर फंसे मजदूरों को बचाने का अभियान अभी तक जारी है। देर रात छह इंच के पाइप से उन तक खिचड़ी पहुंचाने में सफलता मिली और फिर वॉकी-टाकी के जरिए बात की कोशिश भी की जा रही है अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बड़कोट छोर से भी सुंरग में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है.
पाइपलाइन पहुंच रहा खाने-पीने का सामान
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि जीवन रक्षा के लिए राशन, दवा और अन्य आवश्यक चीजें कंप्रेसर की मदद से मजदूरों तक पहुंचाई जा रही हैं. मजदूरों को 4 इंच की पाइपलाइन सूखे मेवे और अन्य खाने-पीने का सामान भेजा रहा है.
वॉकी-टॉकी से मजदूरों से हुई बात
सड़क और परिवहन के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने कहा, "6 इंच की पाइपलाइन के माध्यम से, हमने अंदर एक वॉकी-टॉकी भेजा और बात की गई. हमें एक वीडियो भी मिला जिससे पता चला है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं."
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए 2 किमी लंबी सुरंग भी बनाई गई है. उत्तरकाशी सुरंग बचाव कार्य को लेकर ओएनजीसी की एक्सपोलेरेशन डायरेक्टर सुषमा रावत ने कहा कि बचाव प्रयासों की निगरानी की जा रही है और हमें सभी आवश्यक सहायता मिल रही है.