मई में 211 करोड़ से अधिक आधार प्रमाणीकरण ट्रांजेक्शन दर्ज
ट्रांजेक्शन की संचयी संख्या 15,223 करोड़ से अधिक हो गई
मई में आधार प्रमाणीकरण ट्रांजेक्शन की संख्या 211 करोड़ पार कर गई, जो पिछले महीने की तुलना में अधिक है। आधार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह सेवा प्रदाताओं के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, इस वर्ष मई में आधार संख्या धारकों ने 211 करोड़ से अधिक आधार प्रमाणीकरण ट्रांजेक्शन किए। इस तरह के ट्रांजेक्शन की संचयी संख्या 15,223 करोड़ से अधिक हो गई है। मई में प्रमाणीकरण ट्रांजेक्शन पिछले महीने की तुलना में अधिक हैं। साथ ही, मई 2024 में 201.76 करोड़ ऐसे ट्रांजेक्शन किए गए थे।बढ़ती संख्या दर्शाती है कि कैसे आधार-आधारित प्रमाणीकरण प्रभावी कल्याण वितरण में एक सुविधाजनक भूमिका निभा रहा है और सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का स्वैच्छिक रूप से लाभ उठा रहा है। बयान में कहा गया है कि यह लाखों लोगों के लिए जीवन को आसान बनाने का उत्प्रेरक है। प्रमाणीकरण की बढ़ती संख्या आधार के व्यापक उपयोग और उपयोगिता तथा देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को उजागर करती है।
यूआईडीएआई के एआई/एमएल आधारित आधार फेस ऑथेंटिकेशन समाधानों में भी लगातार वृद्धि देखी गई। मई में, 15.49 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए, जो इस प्रमाणीकरण पद्धति को अपनाने और आधार संख्या धारकों को इससे होने वाले लाभ को रेखांकित करता है। बयान के अनुसार, सरकारी मंत्रालयों और विभागों, वित्तीय संस्थानों, तेल विपणन कंपनियों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं सहित 100 से अधिक संस्थाएं लाभ और सेवाओं के सुचारू वितरण के लिए चेहरे के प्रमाणीकरण का उपयोग कर रही हैं।
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इसी तरह, मई में 37 करोड़ से ज्यादा ई-केवाईसी ट्रांजेक्शन किए गए। बयान में कहा गया है कि आधार ई-केवाईसी सेवा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं सहित क्षेत्रों में कारोबार को आसान बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक सरकारी एजेंसी है, जो आधार कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। इसकी प्राथमिक भूमिका भारत के सभी निवासियों को एक अद्वितीय 12-अंकीय पहचान संख्या (आधार) जारी करना है।
यह संख्या निवासी की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी से जुड़ी होती है, जो एक केंद्रीय डाटाबेस में संग्रहीत होती है। यूआईडीएआई नामांकन, प्रमाणीकरण और अद्यतन सहित सम्पूर्ण आधार जीवनचक्र का प्रबंधन करता है। साथ ही, इन प्रक्रियाओं के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है।