
नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन पर अशोक स्तंभ की नई मूर्ति का अनावरण किया हैं। जिसकों लेकर असुदुद्दीन ओवैसी ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि नए भवन पर अशोक स्तंभ का अनावरण करने का अधिकार सिर्फ लोकसभा स्पीकर का हैं। यह देश के लिए अमानवीय बात हैं।
असुदुद्दीन ओवैसी का मोदी पर कटाक्ष
मिली जानकारी के मुताबिक यह पता चला है कि ओवैसी ने कहा कि संविधान में संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग अलग दर्शाया गया है। सरकार के प्रमुख के रूप में पीएम मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। यह लोकसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में आता है। स्पीकर सरकार के अधीन नहीं हैं। ओवैसी ने आरोप लगाया कि पीएम ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी सरकार के मुखिया हैं, लोकसभा के नहीं। इसलिए उन्हें यह अनावरण नहीं करना था।

पीएम मोदी बने एतिहासिककर्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया।अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने बताया कि इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया है और प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है।मोदी ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की।
इस चरणाों में पूरा हुआ काम
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।