Pahalgam Attack: पहली बार पूरा कश्मीर मातम मना रहा...गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान
पहलगाम हमले पर बोले गुलाम नबी आजाद: ‘पूरा कश्मीर मातम मना रहा है’
पहलगाम हमले को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह हमला कश्मीरियत और इंसानियत पर है। इस बार घाटी के मुस्लिम समुदाय ने खुलकर आतंकवाद का विरोध किया है और हिंदू भाई-बहनों के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक बदलाव बताया और कहा कि अब कश्मीर में हर जगह शोक मनाया जा रहा है। हमले के बाद से पहलगाम और आस-पास के इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई संगठनों ने जम्मू बंद का ऐलान किया है। एक तरफ लोग अपने खोए हुए प्रियजनों के लिए मातम मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश भर में दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग तेज हो गई है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने इसे ‘कश्मीरियत’ और इंसानियत पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ मासूम लोगों की जान पर नहीं, बल्कि हमारी सांझी संस्कृति पर भी है। ANI से बात करते हुए आजाद ने कहा कि इस बार घाटी के बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय ने खुलकर आतंकवाद का विरोध किया है और हिंदू भाई-बहनों के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने इस परिवर्तन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे पहले डर के कारण लोग आतंकियों के खिलाफ बोलने से बचते थे, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। कश्मीर के हर जिले, हर गांव और शहर में शोक मनाया जा रहा है, जो बताता है कि अब घाटी का मन आतंकवाद के खिलाफ हो चुका है।
मुस्लिम समुदाय का बदला रुख
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक समय था जब कुछ आतंकियों को पनाह देने के आरोप मुस्लिमों पर लगाए जाते थे, लेकिन आज वे खुद आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार कई मस्जिदों में इमामों ने आतंकवाद के खिलाफ खुलेआम बयान दिए, जो पहले कभी नहीं देखा गया था।
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
आजाद ने कहा कि आतंकियों का धर्म पूछना इस बात का संकेत है कि यह हमला पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा है, जो इंसानियत और कश्मीरियत को चोट पहुंचाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लिमों ने यह साफ कर दिया है कि वे अपने हिंदू भाइयों के साथ हैं और आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
पहचाने गए हमले के मास्टरमाइंड
जांच में सामने आया है कि इस हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने ली है। सुरक्षा एजेंसियों ने TRF के स्थानीय नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है और संभावित मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है। एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। गृह मंत्री अमित शाह हमले के बाद तुरंत श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि आतंकियों की तलाश और ऑपरेशन्स में तेजी लाई जाए। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सेना की तैनाती में इज़ाफा किया गया है।
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घाटी में छाया सन्नाटा
हमले के बाद से पहलगाम और आस-पास के इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई संगठनों ने जम्मू बंद का ऐलान किया है। एक तरफ लोग अपने खोए हुए प्रियजनों के लिए मातम मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश भर में दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग तेज हो गई है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि आतंकियों को जल्द ही उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।