Pahalgam Terror Attack: वीजा, पानी, बॉर्डर बंद! पाकिस्तान पर भारत का बड़ा फैसला
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार का बड़ा एक्शन…
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पीएम आवास पर हुई सीसीएस की अहम बैठक में भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु-जल संधि को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को दिए जाने वाले वीजा भी रद्द कर दिए गए है।
साथ ही भारत ने पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीमा पार से भारत के खिलाफ लगातार रची जा रही साजिश को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
पीएम आवास पर हुई सीसीएस की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल थे। बता दें, पहलगाम में हुए इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन TRF ने ली है।
सिंधु जल समझौते पर लगी रोक
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों में 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। बता दें, सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
2. अटारी बॉर्डर को बंद किया गया
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं।अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।
3. पाकिस्तानियों का वीजा रद्द
अभी SVES वीज़ा पर भारत में रह रहे किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा। ये एक बड़ा कूटनीतिक फैसला है। पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SVES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है। पाकिस्तानियों को नहीं मिलेग भारतीय वीजा।
4. 48 घंटे में पाक नागरिकों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम
48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे। दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
5. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग बंद
यह भी एक कूटनीतिक दबाव है। पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है। यह कदम भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी सैन्य या रणनीतिक सहयोग को तैयार नहीं है, जब तक कि आतंकवाद पर उसका रुख नहीं बदलता।