पाक को मिला मुंहतोड़ जवाब
अब इसमें किसी प्रकार का सन्देह नहीं रहना चाहिए कि पाकिस्तान एक ऐसा आतंकवादी…
अब इसमें किसी प्रकार का सन्देह नहीं रहना चाहिए कि पाकिस्तान एक ऐसा आतंकवादी देश है जिसकी जमीन पर दहशतगर्द तंजीमों को पाला-पोसा जाता है। यहां की सेना और सरकारों के साये में इन तंजीमों ने पूरे पाकिस्तान को आतंकवादियों की सैरगाह में तब्दील कर दिया है। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछली 22 अप्रैल को हुए नृशंस हत्याकांड का बदला इन्हीं दहशतगर्द तंजीमों के नौ ठिकानों पर मिसाइल हमला करके लिया है और पूरी दुनिया को बता दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी सीमाओं के भीतर से ही कार्रवाई करने में समर्थ है। भारत की जांबाज फौजों ने जिस प्रकार पाक अधिकृत कश्मीर से लेकर पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित आतंकवादी शिविरों व ठिकानों को निशाना बनाया है उससे यह प्रमाणित हो गया है कि पाकिस्तान की फौजें आतंकवाद को भारत में फैलाने में मदद देती हैं।
दरअसल पाकिस्तान की बुनियाद ही हिन्दू नफरत पर रखी गई है। यहां की फौज हिन्दू विरोध से ही प्रेरित होकर भारत विरोध करती आ रही है। इसीलिए पहलगाम में 26 भारतीय पर्यटकों का धर्म पूछकर हत्या की गई जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस जघन्य कांड का बदला लेने की घोषणा भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को ही कर दी थी और पूरी दुनिया को बता दिया था कि भारत आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों को एेसी सजा देगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। अतः पाक स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला करके भारत ने माकूल जवाब दिया है। श्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे पाकिस्तान आज मिमियाता नजर आ रहा है। भारत का बच्चा-बच्चा आज प्रधानमन्त्री के इस हौसले को सराह रहा है और सोच रहा है कि श्री मोदी जैसा कहते हैं वैसा ही करते हैं। इस संकट की घड़ी में पूरा भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक एक है और अपने प्रधानमन्त्री के हाथ मजबूत करना चाहता है। पाक स्थित जिन नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया है उनमें दुर्दान्त आतकंवादी मौलाना अजहर मसूद का घर भी शामिल है जिसमें उसके परिवार के 14 सदस्य हलाक हो गये हैं। मसूद अब चिल्लाता फिर रहा है कि अगर वह भी मर जाता तो बेहतर होता। यह मसूद वही है जिसे भारत ने 2000 में अपना एक यात्री विमान अपहरण हो जाने पर उसमें सवार यात्रियों की जान छुड़ाने की एवज में छोड़ा था। इस पर न जाने कितने मासूम लोगों की हत्या करने का इल्जाम है। मगर गौर करने वाली बात यह है कि खूंखार आतंकवादियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान को क्या खुद को जायज मुल्क कहने का हक है?
हकीकत तो यह है कि पाकिस्तान 14 अगस्त, 1947 से ही एक जायज मुल्क नहीं है क्योंकि यह हिन्दू-मुसलमान की बुनियाद पर मुहम्मद अली जिन्ना ने अंग्रेजों के साथ साजिश करके दस लाख से भी अधिक लोगों की लाशों पर तामीर कराया था। एेसा दुनिया के इतिहास में दूसरी बार हो रहा था कि किसी मुल्क के बनने पर आबादी की ही अदला-बदली की गई हो। यह अदला- बदली हिन्दू-मुसलमान के आधार पर की गई थी। अतः एेेसे मुल्क का ईमान केवल हिन्दू विरोध बन कर रह गया और यहां के हुक्मरानों ने इसी को अपने वजूद की शर्त बना डाला। इसी शर्त के चलते पाकिस्तान ने अपने बनने के तुरन्त बाद जम्मू-कश्मीर पर हमला बोला और इस सूबे का एक-तिहाई हिस्सा अपने कब्जे में कर लिया। इस पाक अधिकृत कश्मीर में ही भारत की फौजों ने पांच आतंकवादी शिविरों को नेस्तनाबूद किया। जिस कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है उसे ही पिछले तीस सालों से पाकिस्तान ने आतंकवाद फैला कर जहन्नुम में तब्दील करने की कोशिश की। इसी आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर सूबे के रुतबे में बदलाव किया और इसे भारतीय संघ के साथ मजबूती से जोड़ा। इस कार्य में भारत की सेनाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कश्मीर की वादियों से आतंकवादियों की सफाई का अभियान चलाया। जिसके चलते जम्मू-कशमीर में रौनक लौटने लगी और भारत के शेष हिस्सों से इस राज्य में सैलानी पुनः आने लगे। पिछले साल सवा दो करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों की सैर करने आये। इससे कश्मीर फिर चहकने लगा जो पाकिस्तान से बर्दाश्त नहीं हुआ और इसके पाले हुए आतंकवादियों ने पिछले 22 अप्रैल को जघन्य हत्याकांड कर डाला मगर इसमें भी हिन्दुओं को ही चुन-चुन कर मारा अतः भारत भी अब दहशतगर्दों को चुन-चुन कर मारेगा जिसकी घोषणा गृहमन्त्री श्री अमित शाह ने की थी।
जरा सोचिये जिस पाकिस्तान को पीने का पानी भी भारत की कृपा से मिलता हो वही हमें आंखें तरेरता है और आतंकवाद को पनपा कर हमें लहूलुहान करता है। वे दिन अब चले गये हैं जब पाक परस्त कश्मीरी तंजीमों को केन्द्र सरकार दूध पिलाने का काम किया करती थी। अब देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार है और श्री मोदी का यह अहद है कि वे ‘जैसे को तैसा’ तेवरों से जवाब देंगे। प्रधानमन्त्री के इन्हीं तेवरों से घबरा कर पाकिस्तान पिछले दिनों राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में गया मगर वहां से भी इसे कड़ी फटकार मिली। भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर जो नाकाबन्दी की है उसमें सिन्धु नदी जल समझौता प्रमुख है जिसे भारत ने फिलहाल मुल्तवी कर रखा है। पाकिस्तान कह रहा है कि यदि भारत ने पानी रोका तो यह युद्ध करने जैसा होगा लेकिन भारत ने तो पाकिस्तान के घर में घुसकर उसके आतंकवादी शिविरों को सीधा निशाना बना डाला है।
भारत की सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अनुशासित पेशेवर फौज है। सैनिक मोर्चे पर पाकिस्तान भारत का मुकाबला नहीं कर सकता इसीलिए वह अपने एटमी ताकत होने का हौवा खड़ा करता रहता है। मगर भारत की फौजों का ईमान है कि वह इंसानियत की रखवाली है और अपने ऊपर आक्रमण होने के बाद ही उसका यथोचित उत्तर देती है। इस सेना के बारे में प्रसिद्ध है कि,
‘‘ताकत वतन की हमसे है
इज्जत वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले।’’