For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

PAK : सीएम चुनने के लिए पंजाब विधानसभा का अहम सत्र 3 घंटे की देरी से शुरू हुआ

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नया मुख्यमंत्री चुनने के लिये विधानसभा का सत्र तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ। सत्ता से बेदखल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सरकार पर सत्र में “अनावश्यक देरी” का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी।

10:51 PM Jul 22, 2022 IST | Shera Rajput

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नया मुख्यमंत्री चुनने के लिये विधानसभा का सत्र तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ। सत्ता से बेदखल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सरकार पर सत्र में “अनावश्यक देरी” का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी।

pak   सीएम चुनने के लिए पंजाब विधानसभा का अहम सत्र 3 घंटे की देरी से शुरू हुआ
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नया मुख्यमंत्री चुनने के लिये विधानसभा का सत्र तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ। सत्ता से बेदखल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सरकार पर सत्र में “अनावश्यक देरी” का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएगी।
Advertisement
सत्ताधारी गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, जबकि इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) पार्टी नीत गठबंधन की ओर से चौधरी परवेज इलाही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
368 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में फिलहाल विपक्षी दलों के गठबंधन पीटीआई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायदेआजम) के 187 विधायक हैं और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत सत्ताधारी गठबंधन के 179 विधायक हैं।
यदि कुछ विपक्षी एमपीए (प्रांतीय विधानसभा के सदस्य) का रुख नहीं बदला और वह सत्ताधारी गठबंधन में शामिल नहीं हुए, तो मौजूदा मुख्यमंत्री हमजा की कुर्सी जानी तय है।
Advertisement
शरीफ के पीएमएल-एन और खान की पीटीआई दोनों के लिए मुख्यमंत्री का चुनाव ‘बहुत महत्वपूर्ण’ माना जा रहा है क्योंकि इसके परिणाम पाकिस्तान की राजनीति के भविष्य की दिशा तय करेंगे।
पीएमएल-एन के लिए पंजाब की हार का मतलब केंद्र की सत्ता गंवाना होगा। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सत्ताधारी गठबंधन को चुनावी हार का सामना करना पड़ेगा तो स्थिति उसके लिये गंभीर होगी।
जीत की स्थिति में पीटीआई प्रमुख इमरान के पास बड़ा अवसर होगा कि वह सरकार पर नये सिरे से चुनाव कराने के लिए दबाव बना सकें।
विधानसभा अध्यक्ष दोस्त मोहम्मद माजरी के नेतृत्व में हो रहे चुनाव से महज तीन महीने पहले हमजा शहबाज ने 16 अप्रैल को पीटीआई के 25 बागी विधायकों समेत 197 विधायकों का मत हासिल किया था।
पीटीआई के 25 विधायकों को हमजा शहबाज को वोट देने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सर्वोच्च अदालत ने 22 जुलाई को पंजाब के मुख्यमंत्री के चुनाव का आदेश दिया था।
इससे पहले पीटीआई के विधायक विजय चिन्ह दिखाते हुए पंजाब विधानसभा पहुंचे। सत्र की शुरुआत में, पीएमएल-एन के रजा सगीर को शपथ दिलाई गई, जिन्होंने हाल ही में हुए पंजाब उपचुनाव के दौरान रावलपिंडी की पीपी -7 सीट जीती थी।
हालांकि, शपथ को एक सदस्य ने चुनौती देते हुए तर्क दिया था कि सगीर अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने अभी तक उनकी नियुक्ति को अधिसूचित नहीं किया था।
डॉन न्यूज के मुताबिक, इससे पहले, पीटीआई नेता शफकत महमूद ने दावा किया कि उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद माजरी ने पंजाब विधानसभा सत्र की “अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया”। उन्होंने शहबाज से इस्तीफा देने की मांग करते हुए ट्वीट किया, “पीटीआई और क्यू लीग के पास स्पष्ट बहुमत है अन्यथा सत्र शुरू हो जाता।”
इससे पहले एक ट्वीट में, पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा कि सत्र में “अनावश्यक देरी” “सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन” थी। उन्होंने ट्वीट किया, “हमने अपने वकीलों से अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार रहने को कहा है।” उन्होंने बताया कि कुछ समय में इस बाबत याचिका दायर की जाएगी।
पीटीआई ने 17 जुलाई को 20 सीट पर हुए उपचुनाव में जीत के बाद प्रांतीय विधानसभा में बहुमत हासिल किया था। अदालत ने विधानसभा उपाध्यक्ष को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
इससे पहले इमरान खान ने सरकार पर उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इमरान ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘यदि राज्य मशीनरी का इस्तेमाल जनमत का अपहरण करने के लिए किया गया, तो जनता की प्रतिक्रिया पाकिस्तान को ‘श्रीलंका जैसे संकट’ की ओर ले जाएगी। इस हालात में मैं लोगों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रहूंगा।’’
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
×