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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीजफायर पर बनी समहति, तुर्किए ने बताया कब होगी अगली बैठक

01:51 AM Nov 01, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव के साथ-साथ जुबानी जंग भी जारी है। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच कतर और तुर्किए की मध्यस्थता से सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर तो हो गए, लेकिन स्थिति कुछ खास बदलती नहीं नजर आ रही है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की स्थिति का आकलन करने के लिए 30 अक्टूबर को इस्तांबुल में बैठक हुई। यह बैठक पहले से ही निर्धारित थी। युद्धविराम के समझौते के दौरान ही तय हो गया था कि मध्यस्थों के साथ अगली बैठक कब होगी। बैठक के बाद तुर्किए और कतर की मध्यस्थता से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हुई वार्ता पर संयुक्त बयान भी सामने आया है।

जानें कब होगी अगली बैठक

संयुक्त बयान में कहा गया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्किए और कतर ने 25-30 अक्टूबर 2025 तक इस्तांबुल में बैठकें कीं, जिसका उद्देश्य युद्धविराम को सुदृढ़ बनाना था, जिस पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने 18-19 अक्टूबर 2025 को दोहा में सहमति व्यक्त की थी। बयान में आगे कहा गया कि सभी पक्ष युद्धविराम जारी रखने पर सहमत हुए हैं। कार्यान्वयन के आगे के तौर-तरीकों पर 6 नवंबर को इस्तांबुल में एक प्रमुख स्तरीय बैठक में चर्चा और निर्णय लिया जाएगा। सभी पक्ष एक निगरानी और सत्यापन तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं जो शांति बनाए रखना सुनिश्चित करेगा और उल्लंघन करने वाले पक्ष पर दंड लगाएगा। मध्यस्थों के रूप में, तुर्किए और कतर दोनों पक्षों के सक्रिय योगदान के लिए अपनी सराहना व्यक्त करते हैं और स्थायी शांति और स्थिरता के लिए दोनों पक्षों के साथ सहयोग जारी रखने के लिए तैयार हैं।

दोनों देशों के बीच वार-पलटवार जारी

अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने गुरुवार को काबुल में भाषण देने के दौरान इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि आक्रामकता का कोई भी काम काबुल बर्दाश्त नहीं करेगा। हक्कानी ने कहा, अफगानिस्तान में समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन देश किसी भी विदेशी हमलावर के खिलाफ एकजुट है। अपने इलाके की रक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के अफगान तालिबान को कथित तौर पर कड़ी चेतावनी देने के 24 घंटे से भी कम समय बाद आया था। आसिफ ने कहा था कि वे इस्लामाबाद के इरादों को अपनी बर्बादी पर परख सकते हैं। पाकिस्तान को तालिबान को पूरी तरह से खत्म करने और उन्हें छिपने के लिए गुफाओं में वापस भेजने के लिए अपने पूरे हथियारों के एक छोटे से हिस्से का भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।

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