पाकिस्तान ने टेके घुटने
अंततः भारतीय सेना के शौर्य और रण कौशल के आगे पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान…
अंततः भारतीय सेना के शौर्य और रण कौशल के आगे पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए। परमाणु बम की गीदड़ भभकियां देने वाला पाकिस्तान सीज फायर के लिए सहमत हो गया। यद्यपि युद्ध विराम सहमति का ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने ट्विटर हैंडल पर किया लेकिन अमेरिका, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात दोनों देशों में तनाव शुरू होते ही टकराव रोकने के लिए प्रयासरत रहे। मैं यह नहीं कह सकता कि डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वहां के फौजी जनरल मुनीर को क्या प्रलोभन दिया या क्या धमकी दी लेकिन इतना तय है कि ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मनाने के लिए पूरा दमखम लगाया। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो लगातार दोनों देशों से सम्पर्क बनाए हुए थे। यह भी स्पष्ट है कि युद्ध विराम सहमति भारत की शर्तों पर ही हुई क्योंकि शनिवार की दोपहर भारत ने यह स्पष्ट स्टैंड ले लिया था कि अगर भविष्य में कोई आतंकवादी हमला हुआ तो इसे एक्ट ऑफ वार माना जाएगा। इस पर पाकिस्तान घबरा गया और गिड़गिड़ाने लगा। चार दिन के ऑपरेशन सिंदूर से उसे इस बात का अहसास हो चुका था कि अगर टकराव न टाला गया तो वह मिट्टी में मिल जाएगा। अब 12 मई को दोनों देशों में बातचीत होगी, तब साफ हो जाएगा कि भारत की शर्तें क्या-क्या रहीं।
सम्पूर्ण राष्ट्र में पहलगाम हमले के बाद नई चेतना का संचार हुआ। देश चाहता था कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करके अपने पराक्रम का परिचय दे दिया था। जिस तरह से भारतीय सेना ने अपने शस्त्रों के बल पर पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया है। हमारे रक्षा कवच एस-400 सुदर्शन चक्र ने तुर्की से लिए गए पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों के हवा में टुकड़े-टुकड़े कर दिए, उससे पाकिस्तान के हुकमरानों में हाहाकार मचा हुआ था। भारतीय सेना ने लाहौर स्थित एयर डिफैंस सिस्टम को तो तबाह पहले ही कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान के 5 एयरबेस तबाह कर दिए। इससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा आघात पहुंचा है। भारतीय सेना ने उरी और पुलवामा में हुए हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया था। तब ऐसा लगता था कि पाकिस्तान अब कोई हिमाकत नहीं करेगा। भेड़िये अपना कभी रवैया नहीं बदलते और आदमखोर भेड़िया कभी शाकाहारी नहीं हो सकता। आतंकवादी भेड़ियों ने पहलगाम में एक बार फिर 26 भारतीय पर्यटकों की जान ले ली। उसी दिन मोदी सरकार ने तय कर लिया था कि आतंकवाद को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया था कि भारत आतंकवादियों को धरती के आखिरी छोर तक नहीं छोड़ेगा और उन्हें ऐसी सजा मिलेगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाई पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर विनाश का तांडव मचाया और भारतीय सेना ने अपने रणनीतिक कौशल से उनके लांचिंग पैड और चौकियां तबाह कर दीं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भारतीय सेनाध्यक्षों के साथ लगातार बैठकें कर रणनीति तय कर रहे थे, तो साथ ही साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपना दायित्व निभा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सारे ऑपरेशन की खुद निगरानी करते रहे। सिख गुरुओं ने हमें शास्त्र और शस्त्र की पूजा करना िसखाया। गुरु हरगोबिन्द साहिब ने आध्यात्मिक मूल्यों (पीरी) के साथ शक्ति (मीरी) का संदेश दिया था। गुरु हरगोबिन्द साहिब हमेशा दो तलवारें ग्रहण करते थे। एक मीरी की और एक पीरी की। इस तरह बहुत ही कम समय में उनकी सेना बहुत शक्तिशाली हो गई थी। भारतीय सेना के शस्त्रों एस-400, आकाश, ब्रह्मोस मिसाइलों, राफेल और अन्य लड़ाकू विमानों ने भारतीयों के शस्त्र पूजन की ताकत को प्रदर्शित कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के किसी भी नागरिक ठिकाने काे कोई क्षति नहीं पहुंचाई। जिस तरह कूटनीतिक एवं रणनीतिक तरीके से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया, उसकी काट पाकिस्तान के पास भी नहीं है। लाहौर, कराची, पेशावर, रावलपिंडी, बहावलपुर, सियालकोट और इस्लामाबाद तक पाकिस्तान दहल उठा है। पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर बारूद बनकर फैला और पाकिस्तान का पूरा युद्ध उन्माद निकल गया। पाकिस्तान अब भी सम्भल जाए तो अच्छा होगा। आतंकवाद की नीति को छोड़कर वह अपना ध्यान अपने आवाम की तरफ लगाए तो भीतर का आक्रोश खत्म हो जाएगा। अन्यथा उसका टूटना तय है।