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Pakistan Election: पाकिस्तान ने आठ फरवरी के आम चुनावों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ नकारात्मक बयानों को लेकर शनिवार को आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उस दौरान आतंकवादी हमलों को टालने के लिए मोबाइल सेवाओं पर रोक लगाने की आवश्यकता थी।
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पाकिस्तान में आम चुनाव के तहत मतदान बृहस्पतिवार को हुआ था और इसके तुरंत बाद मतगणना शुरू हुई थी। लेकिन इसके नतीजों की घोषणा में देरी चुनाव पर्यवेक्षकों को नागवार गुजरी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि देश ने आम चुनावों पर कुछ देशों और संगठनों की टिप्पणियों पर गौर किया है।
विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इनमें से कुछ नकारात्मक बयानों को लेकर आश्चर्यचकित हैं, जिनमें न तो चुनावी प्रक्रिया की जटिलता को ध्यान में रखा गया है और न ही पाकिस्तान के नागरिकों द्वारा मताधिकार के इस्तेमाल की स्वतंत्र कवायद को स्वीकार किया गया है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘ये बयान इस निर्विवाद तथ्य को नजरअंदाज करते हैं कि पाकिस्तान ने मुख्य रूप से विदेशों से प्रायोजित आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर सुरक्षा खतरों से निपटते हुए शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक आम चुनाव कराए हैं।’’

बयान में कहा गया है कि कुछ टिप्पणियां तथ्यात्मक रूप से भी सही नहीं थीं क्योंकि देशभर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित नहीं थीं और मतदान के दिन आतंकवादी घटनाओं को टालने के लिए केवल मोबाइल सेवाएं निलंबित की गई थीं। विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान ने एक स्थिर और लोकतांत्रिक समाज के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता के तहत चुनाव कराये हैं।
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान एक जीवंत लोकतांत्रिक राजनीति के निर्माण की दिशा में काम करना जारी रखेगा और हर चुनाव और सत्ता का शांतिपूर्ण परिवर्तन उसे उस लक्ष्य के करीब लाता है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के अनुसार, नेशनल असेंबली की 266 सीट में से 265 पर हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने सर्वाधिक 100 सीट जीती हैं। इनमें से अधिकतर उम्मीदवार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा समर्थित हैं।