ईरान पर अमेरिकी हमले से तिलमिलाया पाकिस्तान! देने लगा नसीहत, कल तक ट्रंप को नोबेल...
ईरान पर अमेरिकी हमले से तिलमिलाया पाकिस्तान!
पाकिस्तान ने कड़ा ऐतराज जताते हुए अमेरिका की कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका ने जो एयरस्ट्राइक की है, वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन है.
US Attack Iran: ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में अमेरिका की एंट्री ने मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा दिया है. अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर जोरदार हवाई हमले किए हैं, जिससे हालात और अधिक संवेदनशील हो गए हैं. इन हमलों पर पाकिस्तान ने कड़ा ऐतराज जताते हुए अमेरिका की कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका ने जो एयरस्ट्राइक की है, वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बयान में यह भी कहा गया कि हर देश को अपनी रक्षा का अधिकार है और ईरान भी इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और चेताया है कि इससे न केवल मिडिल ईस्ट बल्कि पूरी दुनिया पर भयावह प्रभाव पड़ सकता है.
ईरान से लगती है पाकिस्तान की सीमा
पाकिस्तान और ईरान के बीच लगभग 900 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है. यही कारण है कि पाकिस्तान इस क्षेत्रीय संघर्ष को लेकर बेहद चिंतित है. पाकिस्तान पहले भी दोनों देशों से इस टकराव को समाप्त करने और कूटनीतिक रास्ता अपनाने की अपील कर चुका है. इस्लामाबाद का मानना है कि सैन्य कार्रवाई की बजाय संवाद ही शांति बहाल करने का एकमात्र रास्ता है.
ट्रंप को लेकर पाकिस्तान का रुख
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की पैरवी की थी. पाकिस्तान सरकार का कहना था कि ट्रंप ने वर्ष 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव को कूटनीतिक तरीके से हल किया था.
पाकिस्तान के अनुसार, ट्रंप के हस्तक्षेप की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीज़फायर) लागू हो सका और क्षेत्र में युद्ध की संभावना को टालने में मदद मिली. इस कारण से पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का उपयुक्त दावेदार बताया है.
भारत-पाक संबंध और अमेरिका की भूमिका
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन “सिंदूर” के जवाब में पाकिस्तान ने भी “ऑपरेशन बुनयान उन मरसूस” का आगाज किया था. दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था. लेकिन अमेरिका द्वारा निभाई गई मध्यस्थता की भूमिका से स्थिति नियंत्रण में आई थी.
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