अपने रिस्क पर हवाई सफर कर रहे पाकिस्तानी नागरिक, इमरान सरकार ने 50 पायलटों का लाइसेंस किया रद्द
अधिकारियों ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन की जरूरतों के हिसाब से उन्होंने 860 वाणिज्यिक पायलटों के लाइसेंसों की समीक्षा की और सघन जांच के बाद उनमें से 50 के लाइसेंस रद्द कर दिये।
05:17 PM Dec 20, 2020 IST | Desk Team
पाकिस्तान सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विमान उड़ाने को लेकर 50 पायलटों का लाइसेंस रद्द कर दिया है और प्रशासन इस बात की जांच करेगा कि उन्होंने गलत तरीके से प्रमाणपत्र कैसे हासिल किये। देश के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने यहां एक शीर्ष अदालत को यह जानकारी दी।
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फर्जी लाइसेंसों का मुद्दा इस साल 22 मई को कराची में पाकिस्तान एयरलाइंस (पीआईए) के विमान के त्रासद हादसे की पृष्ठभूमि में उठा था। इस हादसे में 97 लोगों की जान गयी थी। पाकिस्तान के विमानन मंत्री गुलाम सरवर खान ने मीडिया को बताया कि देश के सक्रिय 860 पायलटों में 260 के पास या तो फर्जी लाइसेंस हैं या उन्होंने परीक्षा में गड़बड़ी की। उनके नाम इसलिए सार्वजनिक किये गये ताकि पाकिस्तान से बाहर काम करने वाले अन्य पायलटों के बारे में नकारात्मक धारणा न बने।
डॉन अखबार ने खबर दी है कि अधिकारियों ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन की जरूरतों के हिसाब से उन्होंने 860 वाणिज्यिक पायलटों के लाइसेंसों की समीक्षा की और सघन जांच के बाद उनमें से 50 के लाइसेंस रद्द कर दिये। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारिक महमूद खोखर ने अदालत में दायर रिपोर्ट में बताया कि ये पायलट राष्ट्रीय कंपनी पीआईए, अन्य पाकिस्तानी निजी एवं विदेशी एयरलाइनों में काम कर रहे थे। उन्होंने पायलट सैयद सकलैन हैदर की याचिका के जवाब में यह बात कही।
रिपोर्ट के अनुसार संघीय जांच एजेंसी को उन पायलटों के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा दिया गया है जिन्होंने गलत तरीके से लाइसेंस हासिल किए थे। नागर विमानन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 259 लाइसेंसों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी। उचित प्रक्रिया के बाद छह जुलाई को 28 पायलटों के लाइसेंस को रद्द करने की रिपोर्ट मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गयी थी जिसने अगले ही दिन उसे मंजूरी दे दी थी। याचिकाकर्ता भी उन्हीं 28 पायलटां में शामिल था।
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