मोदी के एक्शन से डरा पाकिस्तान, सदाबहार दोस्त चीन से लगाई मदद की गुहार
भारत के दबाव में पाकिस्तान, चीन से सहयोग की उम्मीद
पहलगाम में हिंदुओं पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की है, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है। भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया और राजनयिकों की संख्या कम कर दी। बौखलाए पाकिस्तान ने अपने सदाबहार दोस्त चीन से मदद की गुहार लगाई है।
पहलगाम में हुए हिंदुओं पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इसमें पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या कम औरअटारी-बाघा बॉर्डर बंद करने जैसे तगड़े एक्शन लिए हैं। जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस बीच अपने सदाबहार दोस्त चीन से मदद की गुहार लगा रहा है।
चीनी राजदूत से की मुलाकात
बता दें कि पाकिस्तान के अंदर भारत की मोदी सरकार का डर घुस चुका है। इसी बीच पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त चीन से मदद मांग रहा है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने इस्लामाबाद में चीनी राजदूत जियांग जेड से मुलाकात की. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को उस वक्त कोहराम मच गया, जब नरसंहारों ने 25 से अधिक हिंदुओं की खून से जमीन लाल किया। इस हमले के बाद से हर एक भारतीय में पाकिस्तान से बदले की भावना है।
भारत ने हमले को आतंकवाद बताया
भारत ने इस हमले को आतंकवाद से जोड़ा और तत्काल प्रभाव से कई सख्त कदम उठाए। इनमें सबसे बड़ा फैसला सिंघु जल संधि 1960 को रद्द करना था। भारत को ऐसा कदम उठाने के पीछे एक ही मकसद है पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए तड़पाना। क्योंकि पाकिस्तानियों की जीवन रेखा ही सिंधु का जल है। इससे वे अपना खेती से लेकर हर काम करते हैं। ऐसे में भारत की यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए बड़ा सबक माना जा रहा है।
POK में आतंकियों का अड्डा
पहलगाम हमले से आतंकी संगठन हमास और पाकिस्तान के बीच गठबंधन का बड़ा खुलासा हुआ। ख़ुफ़िया अधिकारियों ने दावा किया है कि पहलगाम हमले से पहले चार हमलावरों की रणनीति और अक्टूबर 2023 में इजरायल में हमास के बड़े अटैक में आश्चर्यजनक समानताएं पाई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी चार आतंकवादी को POK में पहले ट्रेनिंग मिली थी। इस इलाके में हमास ने आतंकी गैंग जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के पनाह में एक ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया गया है। जिसे पूरी तरह से ISI का सपोर्ट है।
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