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पाकिस्तान : संघीय सरकार ने अक्टूबर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की तैयारी में सुरक्षा उपायों को सख्त करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, इस्लामाबाद के रेड जोन में अर्धसैनिक बल रेंजर्स तैनात किए जाएंगे। यह जानकारी मीडिया ने गुरुवार को सूत्रों के हवाले से दी। यह कदम क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है, विशेषकर 15-16 अक्टूबर, 2024 को होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन के संदर्भ में।
Highlight :
रेंजर्स को प्रमुख सरकारी इमारतों के बाहर और रेड जोन के भीतर आंतरिक सड़कों पर तैनात किया जाएगा। इस सुरक्षा योजना को आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी दी गई। रेंजर्स के तैनात होने से स्थानीय लोगों और आगंतुकों को सुरक्षा का अनुभव होगा, जिससे सम्मेलन के दौरान संभावित खतरों को कम किया जा सकेगा।
इस बीच, भारत ने भी पुष्टि की है कि उसे एससीओ सरकार प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) की बैठक के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला है, जिसका आयोजन इस वर्ष अक्टूबर में होगा। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अगस्त में इस्लामाबाद द्वारा भेजे गए निमंत्रण की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय के पास इस पर कोई विशेष अपडेट नहीं है, लेकिन स्थिति की जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून, 2001 को कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। वर्तमान में, एससीओ में नौ सदस्य देश शामिल हैं: भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान। इसके अलावा, एससीओ में तीन पर्यवेक्षक देश हैं: अफगानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस।
इस सम्मेलन के आयोजन को लेकर सुरक्षा चुनौतियाँ बनी हुई हैं, और सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हर संभव कदम उठाए जाएंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न रहे। सम्मेलन के दौरान विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, और रेंजर्स की तैनाती इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बता दें कि, इस्लामाबाद में होने वाला एससीओ शिखर सम्मेलन पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार की गंभीरता इसे और महत्वपूर्ण बनाती है।