दिवाली पर फिर जल बैठा पाकिस्तान! अपनी इस नाकामी के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार
Pakistan Reaction on Diwali: पाकिस्तान एक बार फिर अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए भारत को दोषी ठहरा रहा है। इस बार मामला पर्यावरण से जुड़ा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बढ़ते प्रदूषण और स्मॉग के लिए वहां के अधिकारी भारत में दिवाली पर हुई आतिशबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है, पाकिस्तान अक्सर अपनी नाकामियों का ठीकरा भारत पर फोड़ता रहा है।
Pakistan Reaction on Diwali: भारत की दिवाली को बताया स्मॉग का कारण
पाकिस्तानी प्रशासन का दावा है कि भारत में दिवाली के दौरान हुई आतिशबाज़ी से जो धुआं निकला, वह हवा के साथ पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में पहुंचा और इससे वहां प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया। अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान हवा की गति धीमी रही, जिससे भारत से आए धुएं का असर स्थानीय हवा में ज्यादा देर तक बना रहा।
Pakistan Blames India on Diwali: लाहौर में बिगड़े हालात
पंजाब की राजधानी लाहौर पहले से ही दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिनी जाती है। हाल ही में यह शहर वायु गुणवत्ता के मामले में IQAir की रिपोर्ट में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यहां दृश्यता (visibility) बहुत कम हो गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस स्थिति को सुधारने के लिए लाहौर प्रशासन ने कुछ क्षेत्रों जैसे इकबाल टाउन, मुल्तान रोड और शादरा फ्लाईओवर पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन के प्रयोग जैसी कोशिशें शुरू की हैं।
Diwali impact on Pakistan: स्थानीय कारणों को नजरअंदाज करना
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वहां की अपनी स्थानीय गतिविधियाँ हैं, जैसे – फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, पुराने वाहन, पराली जलाना और कचरा प्रबंधन की खराब व्यवस्था। लेकिन इसके बजाय हर बार भारत को दोषी ठहराना एक आसान रास्ता बन गया है।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण से जुड़े जानकारों का मानना है कि भारत की दिवाली का पाकिस्तान के पंजाब पर कुछ असर हो सकता है, लेकिन वहां की गंभीर प्रदूषण समस्या के लिए पूरी तरह भारत को दोषी ठहराना तर्कसंगत नहीं है। यह केवल अपने देश की पर्यावरण नीति की विफलताओं को छुपाने का प्रयास है।
हर साल दोहराई जाने वाली रणनीति
पाकिस्तान द्वारा दिवाली के आसपास भारत पर इस तरह के आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है। यह एक तरह की राजनीतिक रणनीति बन चुकी है, जिससे वहां की सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से बच सके और जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाया जा सके।
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