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पाकिस्तान : TTP ने पाक सरकार के साथ निरस्त किया संघर्षविराम समझौता, लड़ाकों को दिया हमले का आदेश

टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार के साथ गत जून में किये गये अनिश्चित कालीन संघर्षवरिाम समझौते को निरस्त कर दिया है।

12:02 AM Nov 29, 2022 IST | Desk Team

टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार के साथ गत जून में किये गये अनिश्चित कालीन संघर्षवरिाम समझौते को निरस्त कर दिया है।

पाकिस्तान में प्रतिबंधित खूंखार संगठन टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार के साथ गत जून में किये गये अनिश्चित कालीन संघर्षवरिाम समझौते को निरस्त कर दिया है। टीटीपी ने अपने लड़ाकों को पाकिस्तानभर में हमले के आदेश दिये हैं। उग्रवादी संगठन ने अपने बयान में कहा, विभिन्न इलाकों में सैन्य अभियान मुजाहिदीन (उग्रवादियों) के खिलाफ चलाया जा रहा है, इसलिए आपके लिए यह बाध्यकारी हो जाता है कि आप देशभर में जहां भी हो सके वहां हमला करें।’’ इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के 17 साल बाद पाकिस्तान पहुंचने के एक दिन बाद यह बयान जारी किया गया, जबकि सेना प्रमुख जनरल बाजवा मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
सेना और खुफिया एजेंसियों ने लगातार किये जा रहे हमलों को बंद नहीं किया : टीटीपी 
बता दें कि, टीटीपी का गठन विभिन्न उग्रवादी संगठनों के एक संयुक्त समूह के रूप में वर्ष 2007 में किया गया था। प्रतिबंधित समूह ने कहा कि, समझौता रद्द करने का फैसला खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू और लक्की मारवत इलाके में सैन्य संगठनों द्वारा किये जा रहे लगातार हमलों के बाद लिया गया। बयान में कहा गया कि इसने कई बार लोगों को संघर्ष विराम के उल्लंघन के प्रति आगाह किया, लेकिन फिर भी धैर्य दिखा ताकि बातचीत की प्रक्रिया कम से कम उसके द्वारा बाधित ना हो। बयान में कहा गया कि, ‘‘सेना और खुफिया एजेंसियों ने लगातार किये जा रहे हमलों को बंद नहीं किया। अब हमारा जवाबी हमला देशभर में शुरू होगा।’’
पाकितान की सरकार की तरफ से नहीं आया है कोई बयान 
संगठन के बयान पर अभी सरकार और खुफिया एजेंसियों की ओर से काई बयान नहीं आया है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार की मदद से टीटीपी के साथ वार्ता शुरू की थी, लेकिन कोई प्रगति नहीं हो सकी थी। गौरतलब है कि, वर्ष 2012 में मलाला यूसुफजई पर टीटीपी ने हमला किया था जिसके कारण गोली लगने से वह घायल हो गई थी और उन्हें पहले पेशावर स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में इलाज के लिए लंदन ले जाया गया था। टीटीपी ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि, मलाला पश्चिमी सोच वाली लड़की थी। मलाला को बाद में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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