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पाकिस्तानी सेना की मंशा करतारपुर परियोजना से पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने की : सूत्र

पाकिस्तानी सेना पंजाब में अलगाववाद को हवा देने के अपने रणनीतिक लक्ष्य के साथ करतारपुर गलियारा परियोजना को आगे बढ़ा रही है और अगर पाकिस्तान ने अपने किसी नापाक इरादे से इसका इस्तेमाल किया तो भारतीय सुरक्षा बल इससे कोई समझौता नहीं करेंगे।

04:35 PM Nov 06, 2019 IST | Shera Rajput

पाकिस्तानी सेना पंजाब में अलगाववाद को हवा देने के अपने रणनीतिक लक्ष्य के साथ करतारपुर गलियारा परियोजना को आगे बढ़ा रही है और अगर पाकिस्तान ने अपने किसी नापाक इरादे से इसका इस्तेमाल किया तो भारतीय सुरक्षा बल इससे कोई समझौता नहीं करेंगे।

पाकिस्तानी सेना की मंशा करतारपुर परियोजना से पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने की   सूत्र
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पाकिस्तानी सेना पंजाब में अलगाववाद को हवा देने के अपने रणनीतिक लक्ष्य के साथ करतारपुर गलियारा परियोजना को आगे बढ़ा रही है और अगर पाकिस्तान ने अपने किसी नापाक इरादे से इसका इस्तेमाल किया तो भारतीय सुरक्षा बल इससे कोई समझौता नहीं करेंगे। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह कहा।
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भारत ने करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान द्वारा एक वीडियो जारी किए जाने के बाद इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति व्यक्त की। इसमें जरनैल सिंह भिंडरावाले सहित तीन खालिस्तानी अलगाववादी नेताओं की एक तस्वीर है ।
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भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ शनिवार को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन होना है। यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल, कुछ सांसद और विशिष्ट नागरिकों वाला 550 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को गलियारे से होते हुए गुरुद्वारा जाएगा ।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने यात्रा करने वाले विशिष्टजनों के लिए शीर्ष स्तर की सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है। साथ ही बता दिया है कि प्रतिनिधिमंडल को लेकर भारत विरोधी तत्वों का खतरा उसके लिए चिंता का विषय है ।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने पूर्व प्रधानमंत्री समेत अति विशिष्ट लोगों के वास्ते प्रबंध के लिए दलों को पहले से वहां जाकर निरीक्षण करने की भारत की अनुमति पर ध्यान नहीं दिया, जबकि यह एक सामान्य चलन है।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायोग से अधिकारियों की एक टीम को प्रबंधों का जायजा लेने के लिए करतारपुर जाने की अनुमति दी गयी। पाकिस्तान से कहा गया है कि किसी भी खालिस्तानी समूह को गुरुद्वारे या गलियारे के आसपास आने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया है कि करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ऐसे में भारत ने पाकिस्तान से स्पष्ट करने को कहा है कि करतारपुर साहिब के लिए पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी या नहीं।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत के अनुरोध का अब तक जवाब नहीं दिया है। अगर कोई बदलाव होता है तो समझौते में संशोधन करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारत का आकलन है कि पाकिस्तान सेना की निगरानी में बड़ी तत्परता और उत्साह के साथ करतारपुर गलियारे का काम किया गया क्योंकि उसका रणनीतिक लक्ष्य गलियारे का इस्तेमाल पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए करने का है।
सूत्रों ने बताया कि असल मंशा पंजाब में अलगाववाद को बढावा देने और सिखों और हिंदुओं के बीच खाई पैदा करना है।
क्या पाकिस्तान जाने के लिए पंजाब के सांसद नवजोत सिंह सिद्धू का आग्रह स्वीकार हुआ है, यह पूछे जाने पर सूत्रों ने बस इतना बताया कि शनिवार को गुरुद्वारे की यात्रा पर जाने वाले आधिकारिक प्रतिनिधमंडल में शामिल लोगों को मंजूरी की जरूरत नहीं है ।
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Shera Rajput

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