पाकिस्तान की मिसाइल लॉन्चिंग: आतंकवादी हमले के बाद तनाव बढ़ाने की कोशिश
पाकिस्तान की मिसाइल लॉन्चिंग से भारत में बढ़ा तनाव
पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने ‘फतह’ सीरीज की सतह से सतह पर मार करने वाली 120 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का “प्रशिक्षण परीक्षण” किया है। यह परीक्षण “एक्सरसाइज़ सिंधु” के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तानी सेना की तैयारियों को जांचना बताया गया। हालांकि, भारत इस मिसाइल लॉन्च को एक गंभीर उकसावे की कार्रवाई मानता है, विशेषकर ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई है।
मिसाइल परीक्षण: सुरक्षा नहीं, उकसावे का प्रतीक
पाकिस्तान की ओर से यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस्लामाबाद का दावा है कि लॉन्च “तकनीकी दक्षता और नेविगेशन प्रणाली की जांच” के लिए था, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह कदम पूरी तरह से उकसाने वाला है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह परीक्षण “भारत के खिलाफ पाकिस्तान की शत्रुतापूर्ण मुहिम में खतरनाक वृद्धि” है।
पानी, व्यापार और वीज़ा पर कड़ा फैसला
भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए, सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह से नहीं छोड़ता। अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है।पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। सार्क वीज़ा छूट योजना को रद्द करते हुए सभी वीज़ा और सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं।
आतंक के हर रूप का अंत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को कहा, “भारत आतंकवाद के हर स्वरूप से सख्ती से निपटेगा। हम न तो डरेंगे, न झुकेंगे।” भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब वह सिर्फ बयानों से नहीं, ठोस कार्यवाही से जवाब देगा। मिसाइल परीक्षण जैसी हरकतों से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को करारा जवाब मिलेगा।