Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

लश्कर का पंजाब प्लान बेनकाब, भारत में अशांति फैलाने के लिए हाफिज ने पाकिस्तानी सिखों से मिलाया हाथ

NULL

06:47 PM Apr 17, 2018 IST | Desk Team

NULL

भारत में अशांति फैलाने के लिए आतंकवाद को औजार के तौर पर इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। पंजाब में फिर से आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान और उसके शह पर काम करने वाले आतंकी संगठनों की कलई खोलती एक तस्वीर सामने आई है। ताजा तस्वीर में आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ दिख रहा है। तस्वीर लाहौर की है। इससे एक बार फिर साबित हुआ है कि किस तरह पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठन खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं।

आतंकी सरगना गोपाल सिंह चावला की वजह से ही पाकिस्तान ने बीते 14 अप्रैल को वैसाखी डे के मौके पर भारतीय अधिकारयों को पंजा साहिब गुरुद्वारा में जाने से रोक दिया। इससे पहले 12 अप्रैल को भी अधिकारियों को वाघा बॉर्डर पहुंचे सिख श्रद्धालुओं से मिलने से रोक दिया गया था। वाघा भारतीय सीमा खत्म होने के बाद पाकिस्तान का पहला रेलवे स्टेशन है।

पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी हर साल की तरह भारतीय श्रद्धालुओं से मिलना चाह रहे थे ताकि उन्हें वहां किसी तरह की दिक्कत न हो और विषण परिस्थिति में मदद कर सकें। खालसा पंथ के 320 वें जन्म दिवस के मौके पर वैशाखी के दिन 1800 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में तीर्थ स्थल पर पहुंचे थे। भारतीय श्रद्धालुओं की यह तीर्थयात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्राओं के लिए हुए समझौते के तहत होती है।

पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान के तहत सिख आतंकियों ने गुरुद्वारा पंजा साहिब के परिक्रमा के दौरान सिख जनमत संग्रह 2020 के पोस्टर भी लगाए थे जबकि वो पवित्र तीर्थ स्थल है।

पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रचार चलाने के लिए, सिख आतंकवादियों ने गुरुद्वारा पांजा साहिब के परिक्रमा में सिख जनमत संग्रह 2020 के पोस्टर भी रखे थे, जो पवित्र सिख तीर्थ स्थल है। यहां तक भारतीय उच्चायुक्त बिसारिया जो कि वैसाखी के मौके पर तीर्थयात्रियों को बधाई देने के लिए पंजा साहिब गुरुद्वारा जा रहे थे उन्हें भी सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान सरकार ने रोक दिया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने जो किया है यह वियना कन्वेंशन को घोर उल्लंघन है। इसके साथ ही भारत सरकार ने कहा है कि साल 1992 में दोनों देशों के राजनयिकों के लिए हुए द्विपक्षीय प्रोटोकॉल समझौते का भी उल्लंघन है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान का आतंकी संगठन वहां की खुफिया एजेंसियों की मदद से भारत की छवि को खराब करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

पाकिस्तान इन संगठनों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर के लिए कर रहा है।

Advertisement
Advertisement
Next Article