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महँगाई से टूट रही है पाकिस्तान की कमर, 180 रु. लीटर दूध और 1100 रु. किलो मीट

इन दिनों पाकिस्तान का रुपया दिन पर दिन डूबता जा रहा है। पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुकाबले 153.50 रुपए पर आ गया है।

04:48 AM Jun 16, 2019 IST | Desk Team

इन दिनों पाकिस्तान का रुपया दिन पर दिन डूबता जा रहा है। पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुकाबले 153.50 रुपए पर आ गया है।

इन दिनों पाकिस्तान का रुपया दिन पर दिन डूबता जा रहा है। पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुकाबले 153.50 रुपए पर आ गया है। इसको देखकर तो कुछ ऐसा ही लग रहा है कि गिरावट का दौर ऐसा ही रहा तो देश बड़े ही वित्तीय संकट में आ जाएगा। वैसे ही पाक के इतने बुरे दिन चल हैं कि पाक विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लिए हुए कर्ज की किश्त ही नहीं चुका पा रहा है। यही वजह है कि बीते दिनों आधी रात को र्राष्ट्रीय के नाम संदेश में प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोगों से काले धन का खुलासा करने की बात बोली थी।
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बता दें कि पाकिस्तान के सांख्यिकी विभाग ने हाल ही में आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि देश का कन्ज्यूमर प्राइज इंडेक्स 9 फीसदी के ऊपर पहुंच गया है। यानी लोगों की खरीदने की क्षमता काफी ज्यादा कम हो गई है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने भी चेतावनी दे दी है कि यदि महंगाई काबू में नहीं आती है तो देश सबसे बुरे वित्तीय संकट में फंस सकता है।
पिछले महीने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में जो तबाही आई थी वो एक बार लगता है फिर से शुरू हो गई है। पाकिस्तानी रुपया कल अब तक के निचले स्तर 153.50 रुपए पर आ पहुंचा है। रुपए की इस तबाही की वजह से पाकिस्तान में अब जबरदस्त महंगाई देखने को मिल सकती है। वहीं सब्जी से लेकर दाल, पेट्रोल आदि सभी चीजों के दाम आसमान को छू रहे हैं। पाकिस्तान में दूध के दाम 180 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। जबकि वहां पर सेब की ब्रिकी 450 रुपए किलो की हो रही है। पाक में रेड मीट 1100 रुपए किलो तक पहुंच गया है। 
बता दें कि पाक की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटाने के लिए आईएमएफ ने करीब 6 बिलियन डॉलर का ऋण दिया है। पाकिस्तानी सरकार इसकी वापसी के लिए किश्त का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहा है। इसलिए कई तरह की पाबंदियों को इमरान सरकार लागू करने की योजना तैयार कर रही है। कहा ये भी जा रहा है कि सरकार ने रक्षा बजट में बिना कटौती किए रखा पिछले साल जैसा ही है। वहीं अभी सरकार के पूरे खर्च में से 50 प्रतिशत के करीब सेना और तमाम कर्ज को चुकाने में दिया जाएगा।
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