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महाराष्ट्र में पंचगंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर

कोल्हापुर जिला के पश्चिमी हिस्से में कल रात से बारिश में कमी आने के बावजूद पंचगंगा नदी खतरे के निशान से 43 फीट ऊपर बह रही जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

01:23 PM Aug 02, 2019 IST | Desk Team

कोल्हापुर जिला के पश्चिमी हिस्से में कल रात से बारिश में कमी आने के बावजूद पंचगंगा नदी खतरे के निशान से 43 फीट ऊपर बह रही जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिला के पश्चिमी हिस्से में कल रात से बारिश में कमी आने के बावजूद पंचगंगा नदी खतरे के निशान से 43 फीट ऊपर बह रही जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिलाधिकारी कार्यालय के अनुसार पिछले छह-सात दिन से बारिश के कारण पंचगंगा नदी आज सुबह 11़ 15 बजे 43 फुट खतरे के निशान के ऊपर बह रही थी। 
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राधानगरी सिंचाई बांध पूरी तरह भर चुकी है और बांध के दो दरवाजे खोल दिये गये हैं ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके। बांध का गेट खुलने से नदी में जल स्तर बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। जिलाधिकारी दौलत देसाई ने कोल्हापुर-रत्नागिरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवाजी पुल से यातायात बंद करने और यातायात का मार्ग बदलने का आदेश दिया है।

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पंचगंगा समेत भोगवती, कासरी, वार्ना, वेदगंगा, कुंभी, हल्दी नदी में जल स्तर बढ़ गया है। इन नदियों में बने 79 छोटे बड़े बांध भी पूरी तरह भर गये हैं। बाढ़ के कारण कोल्हापुर-गगनबावड़ राष्टीय राजमार्ग, कास्बा-बावड़-शिरोली मार्ग समेत 80 मार्गों पर यातायात बंद कर दिया गया है। 
श्री देसाई के साथ अन्य सरकारी अधिकारी प्रयाग-चिखली, केर्ली और अंबेवाड़ गांव का आज सुबह दौरा किया और अधिकारियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए आदेश दिया। अच्छी बारिश के कारण 14 में से 8 सिंचाई के बांध में तेजी से जल स्तर बढ़ है। वार्ना बांध में 90 प्रतिशत, दूघगंगा 70 प्रतिशत, कासरी में 85 प्रतिशत, कुंभी में 89 प्रतिशत, पतगांव में 84 प्रतिशत, चिकोत्रा में 70 प्रतिशत और चित्री बांध में 98 प्रतिशत पानी भर गया है। राधानगरी, काडवी, जगमहट्टी, घटप्रभा, जंभारे और कोडे सिंचाई बांध पूरी तरह भर चुके हैं।
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