पाकिस्तान में दहशत, POK में दो महीने का राशन जमा करने की अपील
LOC के पास आपातकालीन खाद्य भंडारण की तैयारी
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीओके) ने एलओसी के पास रहने वाले लोगों को दो महीने का राशन जमा करने का निर्देश दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के चलते यह अपील की गई। पीओके के प्रधानमंत्री ने खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अरब रुपये का आपातकालीन कोष भी बनाया है।
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीओके) ने वास्तविक सीमा रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों को शुक्रवार को खाने-पीने का सामान स्टॉक करने का निर्देश दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद यह अपील की गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने शुक्रवार को स्थानीय विधानसभा में कहा, “नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने के लिए खाद्य आपूर्ति का भंडारण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। हक ने कहा कि क्षेत्रीय सरकार ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘खाद्य, दवाइयां और अन्य सभी बुनियादी आवश्यकताओं’ की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अरब रुपये ($3.5 मिलियन) का आपातकालीन कोष भी बनाया है।
भारतीय सेना का डर, POK में 1000 से अधिक मदरसे बंद
पीओके के प्रधानमंत्री ने बताया कि नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी और निजी मशीनरी भी तैनात की जा रही है। इस बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को यह घोषणा की। विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भारत की तरफ से हमले के डर की वजह से पीओके में स्थित मदरसों को बंद कर दिया गया। भारत यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ पीओके क्षेत्रों में कुछ हमले जरूर करेगा। 29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना के कमांडो की टीमों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों में छिपे बैठे आतंकवादियों को खत्म किया था। यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने के दस दिन बाद हुई थी। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई थी।