संसद का Special Session सरकार कब और क्यों बुलाती है? जानें पूरी प्रक्रिया की Inside Story
Parliament Winter Session 2025: भारत की संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 को सुबह 11 बजे शुरू हो चुका है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। कुल 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। इस बार सरकार ने कई अहम बिल पेश करने की तैयारी की है, जिनमें आर्थिक सुधारों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं। दूसरी ओर, विपक्ष एसआईआर मुद्दे, सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और अन्य मामलों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है।
Parliament Winter Session 2025: संसद की संरचना
भारतीय संसद तीन हिस्सों से मिलकर बनती है:
- राष्ट्रपति
- राज्यसभा (ऊपरी सदन)
- लोकसभा (निचला सदन)
हालांकि राष्ट्रपति संसद का हिस्सा है, लेकिन वह सदनों की कार्यवाही में शामिल नहीं होता। उसके पास संसद के दोनों सदनों को बुलाने (Summon) और सत्र समाप्त (Prorogue) करने का संवैधानिक अधिकार होता है।

Parliament Winter Session 2025 (CREDIT S-M)
Purpose of Parliament session: किसके पास है संसद सत्र बुलाने का अधिकार?
सत्र बुलाने का निर्णय सरकार लेती है। यह काम कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति के सुझाव पर होता है। समिति की सलाह के बाद राष्ट्रपति औपचारिक रूप से सत्र बुलाने की मंजूरी देता है। भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है, लेकिन आमतौर पर तीन मुख्य सत्र हर साल आयोजित होते हैं:
- बजट सत्र – फरवरी से मार्च
- मानसून सत्र – जुलाई से अगस्त
- शीतकालीन सत्र – नवंबर से दिसंबर
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 85 कहता है कि संसद की बैठक साल में कम से कम दो बार अवश्य होनी चाहिए और दो सत्रों के बीच का अंतर 6 महीने से अधिक नहीं होना चाहिए। सत्रों की तारीखें राजनीतिक परिस्थितियों और विधायी जरूरतों को देखते हुए तय की जाती हैं। कई बार राज्य चुनावों के कारण सत्र देर से भी शुरू होता है।

Parliament Winter Session 2025 (CREDIT S-M)
Parliament Session 2025: विशेष सत्र क्या होता है और कब बुलाया जाता है?
सामान्य सत्रों के अलावा, आपात या खास मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है। जब सरकार को लगता है कि किसी विषय पर त्वरित निर्णय या चर्चा जरूरी है, तो वह विशेष सत्र बुलाने की सिफारिश करती है।
अनुच्छेद 85(1) क्या कहता है?
अनुच्छेद 85(1) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी समय संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुला सके।
लोकसभा का विशेष सत्र कैसे बुलाया जाता है?
अगर लोकसभा के कुल सदस्यों में से कम से कम 10% सदस्य (यानी 55 सदस्य) किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, तो वे अपने इरादे का लिखित प्रस्ताव राष्ट्रपति या लोकसभा अध्यक्ष को दे सकते हैं। इसकी कार्यसूची (Agenda) पहले से तय होती है और उसी विषय पर चर्चा होती है। इस दौरान सामान्य विधायी कामकाज या कोई अन्य विषय शामिल नहीं किया जाता।
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