आज से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, 13 बिल, 15 बैठकें तय, इन अहम मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
Parliament Winter Session 2025: 18वीं लोकसभा का 6वां सत्र और राज्यसभा का 269वां सत्र 1 दिसंबर को सुबह 11 बजे शुरू होगा, यह संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होगी और 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी। सरकार ने एक भारी-भरकम विधायी एजेंडा तैयार किया है, जिसमें कम से कम 13 विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी प्रस्ताव भी शामिल हैं। साथ ही, विपक्ष एसआईआर मुद्दे, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं और कई अन्य लंबित मामलों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है।
Parliament Winter Session 2025
पेश किये जाने वाले सबसे प्रमुख विधेयकों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में इन विधेयकों की पेश किए जाने की उम्मीद है। इन दोनों विधेयकों का उद्देश्य तंबाकू और पान मसाला जैसी वस्तुओं पर मौजूदा जीएसटी को संशोधित उत्पाद शुल्क से बदलना है।
Key Bills For Winter Session 2025
शीतकालीन सत्र में कई अहम विधेयकों पर भी चर्चा होने वाली है। जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025, दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025, निरसन और संशोधन विधेयक, 2025, राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025; परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025, कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025, प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक (एसएमसी), 2025, बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025, मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2025; और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2025 प्रस्तावों पर विचार किए जाने की संभावना है।
Bill On Nuclear Energy
इसके अलावा, सरकार ने सत्र के दौरान विचार के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक तय किए हैं। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, परमाणु ऊर्जा विधेयक, कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, बीमा कानून (संशोधन) विधेयक और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2025 शामिल हैं। परमाणु ऊर्जा विधेयक पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, क्योंकि यह निजी कंपनियों के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का द्वार खोल सकता है।
Opposition Agenda in Session
कानून बनाने के अलावा, संसद 2025-26 के लिए अनुदानों की मांगों के पहले बैच पर भी चर्चा और मतदान करेगी, जो सरकारी व्यय नियोजन में एक महत्वपूर्ण कार्य है। विपक्षी दलों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे एसआईआर मुद्दे पर तत्काल और व्यापक बहस की मांग करेंगे। विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी उठाने की योजना बना रहा है, दिल्ली में हुए कार विस्फोट के बाद, साथ ही श्रम संहिताओं, राज्यपालों की भूमिका और राज्यों के बकाया भुगतानों के मुद्दे भी शामिल।
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