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नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला जर्मन छात्र देश से गया

पिछले सप्ताह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला एक जर्मन छात्र भारत से चला गया है। आव्रजन विभाग ने घरेलू मुद्दों पर प्रदर्शन में उसके भाग लेने को वीजा नियमों का कथित उल्लंघन माना और उसे देश छोड़कर चले जाने को कहा था।

03:19 PM Dec 24, 2019 IST | Shera Rajput

पिछले सप्ताह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला एक जर्मन छात्र भारत से चला गया है। आव्रजन विभाग ने घरेलू मुद्दों पर प्रदर्शन में उसके भाग लेने को वीजा नियमों का कथित उल्लंघन माना और उसे देश छोड़कर चले जाने को कहा था।

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला जर्मन छात्र देश से गया
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पिछले सप्ताह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाला एक जर्मन छात्र भारत से चला गया है। आव्रजन विभाग ने घरेलू मुद्दों पर प्रदर्शन में उसके भाग लेने को वीजा नियमों का कथित उल्लंघन माना और उसे देश छोड़कर चले जाने को कहा था।
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जर्मन छात्र को भारत से बाहर भेजे जाने की अलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि इस छात्र ने यह याद दिलाया है कि जो वर्षों पहले जर्मनी में हुआ, वो भारत में नहीं हो।
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आईआईटी मद्रास के सूत्रों ने बताया कि जर्मन छात्र जैकब लिंडेनथल कल रात देश से चला गया। वह इस संस्थान के भौतिकी विभाग से जुड़ा था और आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत यहां आया था।
पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ यहां संस्थान के गजेंद्र चौराहे के पास प्रदर्शन के दौरान उसने साथी प्रदर्शनकारियों से कहा था कि जर्मनी में हिटलर के शासनकाल में यहूदियों के खिलाफ शुरू में छोटे छोटे कदमों पर ध्यान नहीं दिया गया था। अंततोगत्वा ऐसे ही कदमों से उनका नरसंहार हुआ।
जैकब के हाथ में एक तख्ती थी जिस पर लिखा था, ‘‘1933-45 के दौरान हम वहां नहीं थे।’’ इस तरह उसमें 1933-45 के दौरान जर्मनी में हिटलर के शासन में यहूदियों पर किये गये अत्याचार का परोक्ष जिक्र किया गया था। उसके हाथ में एक और तख्ती थी जिस पर लिखा था, ‘‘बिना असहमति के लोकतंत्र नहीं।’’
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जर्मन छात्र हमें विश्व के इतिहास के एक काले अध्याय की याद दिला रहा है ताकि हम भारत में यह नहीं दोहराएं। यह छात्र हमारे आभार का हकदार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईटी के निदेशक कहां है? इसके प्रमुख कहां हैं? दोनों की बात सुननी है। आईआईटी के छात्र कहां हैं? उन्हें जर्मन छात्र को निकाले जाने पर विरोध जताना चाहिए।’’
स्नातक की पढ़ाई कर जैकब इस साल जुलाई में भारत आया था और उसका कार्यक्रम आईआईटी मद्रास में अगले साल समाप्त होता।
आईआईटी के छात्रों के संगठन ‘चिंता बार’ ने कहा कि आव्रजन विभाग ने प्रदर्शन में भाग लेने के कारण उसे देश छोड़ने को कहा। आव्रजन अधिकारी की इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है।
जैकब ने ट्वीट किया, ‘‘अब जो सबसे अच्छा काम करना है : दुनिया को बदलो। एक श्वेत लड़के को भारत से निकाले जाने को और मीडिया कवरेज मिलेगी… लेकिन छोटी-छोटी बातों को लेकर हर रोज यह हो रहा है। कुछ लोगों के पास कोई नहीं है जिसे वे कॉल कर सकें और कहां जाएं यह भी नहीं पता है।’’
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Shera Rajput

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