आज से पौष माह का प्रारंभ! सूर्य और पितरों की कृपा पाने का महा-योग, शुभ-मांगलिक कार्यों पर लगा Break
03:35 PM Dec 05, 2025 IST | Khushi Srivastava
Paush Month 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह दसवां महीना है, जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह मास अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान, सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है, और उनकी आराधना करने से सौभाग्य तथा उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, पितरों की शांति के लिए दान-पुण्य और सेवा को विशेष फलदायी माना गया है। इस महीने में भागवत कथा, रामायण पाठ, जप, तप और सत्संग करने से पापों का क्षय होता है। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष मास में शादी-ब्याह जैसे मांगलिक और शुभ कार्यों की मनाही होती है।
Paush Month 2025 Start Date: कब से कब तक है पौष मास?
पौष मास में कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें सफला एकादशी (Saphala Ekadashi), संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi), मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri), प्रदोष व्रत और पौष अमावस्या (Paush Amavasya) प्रमुख हैं। Paush Month 2025 की शुरुआत 5 दिसंबर 2025 (शुक्रवार) को होगी और इसका समापन 3 जनवरी 2026 (सोमवार) को होगा। सूर्य संक्रांति के कैलेंडर के अनुसार, सूर्य के 15 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करने के साथ पौष मास का आरंभ माना जाता है, और मास के अंत में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
Paush Maas Significance: क्यों खास है पौष का महीना?
पौष मास को पूस का महीना भी कहते हैं, और यह सूर्य उपासना तथा भगवान विष्णु की भक्ति को समर्पित है। यह महीना विशेष रूप से ईश्वर, खासकर सूर्य और पितरों की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। पौष माह में पितरों को तर्पण देने का विशेष महत्व है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए इस मास में किए गए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म व्यक्ति को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं। इस महीने में सूर्य पूजा करने से सेहत अच्छी रहती है।
यह भी पढ़ें- करियर में पाना चाहते हैं तेज़ उछाल? 7 घोड़ों की पेंटिंग लगाने के लिए ये 3 दिशाएं हैं सबसे Best
Paush Month Rituals: पौष माह में क्या करना होगा शुभ?
- पौष मास में नियमित रूप से "ऊं सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करते हुए तांबे के लोटे में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल फूल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इससे रोगों का नाश होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
- इस मास में रोज आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यह स्तोत्र जीवन के कष्टों को कम करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
- अमावस्या, संक्रांति, पूर्णिमा और एकादशी पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण और दान करना शुभ माना गया है। यह पितृ दोष को दूर करता है और जीवन की परेशानियों को कम करता है।
- पूरे पौष माह में भगवान विष्णु की पूजा करें और मंदिर में दान-पुण्य करें। इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
Paush Month 2025: पौष माह में क्या न करें?
- पौष मास में मांसाहार और शराब का सेवन भूलकर भी न करें।
- पौष मास में बैंगन, मूली, मसूर दाल, उड़द दाल और फूलगोभी जैसे भोजन का सेवन अशुभ माना जाता है और इनसे परहेज करना चाहिए।
- तामसिक और भारी भोजन से दूरी रखें। ताजे फल, सब्जियां, दूध, दही और शुद्ध सात्विक भोजन का सेवन करना उत्तम माना जाता है।
- पौष मास तप, जप और साधना के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए इस महीने में विवाह, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj द्वारा बताया गया श्री कृष्ण का शक्तिशाली मंत्र! कष्ट, क्लेश और नकारात्मकता से मुक्ति का Shortcut
Advertisement
Advertisement