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Paytm Shares: RBI के एक्शन के बाद Paytm शेयर का भाव आधे से भी कम हो चुका है। बीते कुछ दिनों में शेयर 140 फीसदी तक टूटा है। Pबूस की मुसीबते कम ही नहीं हो रही हैं।
ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने कथित तौर पर पेटीएम को 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग दी है और 600 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है। ब्रोकरेज के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई मुख्य रूप से पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) पर लक्षित है, जिसका पेटीएम के अन्य आवश्यक कार्यों को बाधित करने का कोई उद्देश्य नहीं है। ईटी नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को प्रभावित करने वाली नियामक कार्रवाइयों की सीमा को समझने में यह भेदभाव महत्वपूर्ण है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने Paytm की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर को 600 रुपये का टारगेट दिया है। आखिरी सेशन यानी शुक्रवार 16 फरवरी को Paytm के शेयर पर 5% का अपर सर्किट लगा था और यह 341.30 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। यानी बर्नस्टीन को Paytm के शेयरों में मौजूदा स्तर से 75 फीसदी से ज्यादा रिकवरी की गुंजाइश दिख रही है।
RBI ने 31 जनवरी को Paytm की बैंकिंग यूनिट Paytm पेमेंट्स बैंक के ऊपर कार्रवाई की थी। RBI ने उस दिन बाजार बंद होने के बाद एक्शन की जानकारी दी थी। उसके बाद 1 फरवरी को बजट के दिन बाजार खुलते ही Paytm का शेयर 20 फीसदी लुढ़क गया। पेटीएम के शेयरों में तब तक हर रोज 20-20 फीसदी की गिरावट आती रही, जब तक कि बाजार ने सर्किट लिमिट को घटाकर 5 फीसदी नहीं कर दिया।
31 जनवरी को बाजार बंद होने के बाद पेटीएम का शेयर 761.20 रुपये पर रहा था. यानी आरबीआई के एक्शन से पहले पेटीएम के एक शेयर का भाव 761.20 रुपये था. शुक्रवार को लगे अपर सर्किट से पहले पेटीएम का शेयर अपने नए ऑल-टाइम लो लेवल 318.05 रुपये तक गिर गया था. यानी आरबीआई के एक्शन के बाद अब तक पेटीएम का शेयर 140 फीसदी तक लुढ़क चुका है।
बर्नस्टीन का मानना है कि आरबीआई का एक्शन सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक यानी पेटीएम की बैकिंग यूनिट पर है। ऐसे में Paytm के बाकी बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। वहीं RBI से मिली 15 दिनों की मोहलत को लेकर ब्रोकरेज फर्म को लगता है, कि इससे Paytm को रेगुलेटरी कम्पलायंस के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा।
आपको बता दें कि 31 जनवरी को लिए गए एक्शन में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक जोड़ने समेत कुछ काम से तत्काल रोक दिया था। वहीं वॉलेट से लेकर बैंक अकाउंट आदि की विभिन्न सेवाओं के लिए 29 फरवरी की डेडलाइन तय की गई थी। अब RBI ने डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है।