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UP में ठंड से मर रहे लोग, लेकिन सरकार बेखबर : अखिलेश

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ठंड के भीषण प्रकोप के चलते लगभग सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार बेखबर है।

03:27 PM Dec 28, 2019 IST | Shera Rajput

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ठंड के भीषण प्रकोप के चलते लगभग सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार बेखबर है।

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ठंड के भीषण प्रकोप के चलते लगभग सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार बेखबर है।
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श्री यादव ने शनिवार को यहां कहा कि गरीब ठंड से ठिठुर रहा है। अस्पतालों में बीमारों की भीड़ है लेकिन वहां न पर्याप्त दवाइयां है और नहीं इलाज की समुचित व्यवस्था है। भाजपा सरकार में प्रशासन इन सबसे बेखबर संवेदन शून्य बना हुआ है। दिखावे के लिए मुख्यमंत्री का लखनऊ, वाराणसी दौरा जनता की आंख में धूल झोंकने जैसा है। राहत की कोई व्यवस्था नहीं बस दिखावा ही दिखावा है। 
उन्होंने कहा कि सरकारों का संवैधानिक दायित्व है कि जनता को राहत दें। सरकार का चेहरा मानवीय होना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार का चेहरा तो डरावना लगता है। यह लोकतंत्र के लिए अशुभ है। 
सपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में ठंड का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। इससे आवागमन की रफ्तार सुस्त हो रही है। भाजपा सरकार में गायमाता ठंड से मर रही है। जो बीमार हैं उनके उपचार के लिए पशु चिकित्सक तक उपलब्ध नही है। कथित गौशालाओं में कोई सुविधा नही है। भाजपा सरकार आंखे मूंदे हुए हैं। 
मौसम में बदलाव और कड़के की ठंड पड़ने की आशंका से पहले ही बचाव और राहत के कदम उठाए जाते हैं। लेकिन इस बार तो भाजपा सरकार ने अक्षम्य लापरवाही बरती है। गरीबों के लिए रैन बसेरा नाम के रह गए है वहां भी दरी गद्दों और कंबलो का इंतजाम नहीं है। जिलों से हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोगों के मरने की खबरें आ रही है। लखनऊ राजधानी है लेकिन यहां मेडीकल कालेज में बने रैनबसेरा में तीमारदारों को मुख्यमंत्री के सामने ही जो कंबल बंटे थे वे उनके जाते ही घंटे भर बाद छीन ले गए। 
शीत प्रकोप में अलाव जलाने की व्यवस्था की जाती थी। इस बार प्रदेश के जिलों की कौन कहे राजधानी तक में गरीबों को राहत देने के लिए अलाव नहीं जलाए गए। केवल वीआईपी इलाकों में ही अलाव जलाकर अधिकारी अपने कर्तव्य की इति श्री समझ लेते है। ठंड की वजह से किसान भी परेशान है। गेहूं, सरसों, आलू की फसल को क्षति पहुंची है।
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