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लोगों के पास विरोध और असहमति प्रकट करने का अधिकार है लेकिन शान्तिपूर्ण ढंग से : नायडु

देश में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने शनिवार को कहा कि इस समय देश में चल रही समस्यायों पर बौद्धिक चर्चा की आवश्यकता है।

06:48 PM Dec 28, 2019 IST | Shera Rajput

देश में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने शनिवार को कहा कि इस समय देश में चल रही समस्यायों पर बौद्धिक चर्चा की आवश्यकता है।

देश में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने शनिवार को कहा कि इस समय देश में चल रही समस्यायों पर बौद्धिक चर्चा की आवश्यकता है। लोगों के पास विरोध करने और असहमति जताने का अधिकार है लेकिन संविधान में हिंसा की कोई जगह नहीं है। 
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नायडु ने कहा कि मुद्दों को सामने लाने के लिए उन्हें जाति और सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। लोगों को सामने आकर संवैधानिक और अहिंसात्मक तरीके से असहमति प्रकट करनी चाहिए। 
राजनीतिक दलों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “संविधान में हिंसा को कोई स्थान नहीं है। संवैधानिक तौर तरीके और हिंसा कभी एक साथ नहीं पाए जा सकते हैं।”
नायडु ने दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली के जीवन पर लिखी किताब के विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह बात कही। 
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