Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कश्मीर : टारगेट किलिंग...दहशत में लोग, घाटी से फिर शुरू हुआ पलायन

कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को लेकर वह रह रहे हिन्दुओं में खौफ का माहौल है। आतंकियों द्वारा गैर मुस्लिम लोगों की हत्याओं के बाद हिन्दुओं ने एक बार फिर घाटी से पलायन शुरू कर दिया।

10:07 AM Jun 03, 2022 IST | Desk Team

कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को लेकर वह रह रहे हिन्दुओं में खौफ का माहौल है। आतंकियों द्वारा गैर मुस्लिम लोगों की हत्याओं के बाद हिन्दुओं ने एक बार फिर घाटी से पलायन शुरू कर दिया।

कश्मीर में इन दिनों हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। घाटी में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को लेकर वह रह रहे हिन्दुओं में खौफ का माहौल है। आतंकियों द्वारा गैर मुस्लिम लोगों की हत्याओं के बाद हिन्दुओं ने एक बार फिर घाटी से पलायन शुरू कर दिया। इस पलायन ने एक बार फिर 1990 का दौर याद दिला दिया।
Advertisement
कश्मीर में बीते दिनों से लगातार हिन्दू और सरकारी कर्मचारी आतंकियों की गोली का निशाना बन रहे है। पहले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट, फिर हिन्दू शिक्षिका रजनी बाला, उसके बाद बैंक मैनेजर विजय कुमार और अब 17 वर्षीय दिलकुश कुमार, बीते कुछ ही दिनों में आतंकियों की गोली का निशाना बन चुके है। 
कश्मीर के ताजा हालातों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चर्चा के लिए अहम बैठक करेंगे। इस बीच रामबन से कश्मीरी पंडितों के घर छोड़कर जाने की खबरें आई हैं। ये लोग कश्मीर में काम कर रहे थे। वहीं टारगेट किलिंग के खिलाफ आज कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक पलायन की बात कही है। बीते 26 दिन में 10 लोगों की हत्या आतंकी कर चुके हैं।
कश्मीरी पंडितों की बैठक में पलायन का फैसला
गुरुवार को कुलगाम में बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में तय किया गया कि घाटी के जिन-जिन इलाकों में कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं उसे तत्काल रूप से बंद किया जाए। बैठक में कहा गया कि अब कश्मीर में रह रहे अल्पसंख्यकों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसे में उन्हें अब पलायन करना होगा। सभी लोगों से बनिहाल की नवयुग सुरंग के पास इकट्ठा होने के लिए कहा गया है।
…1990 का मंजर
कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षा कैंप में रह रहे कश्मीरी पंडित पिछले 22 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें कश्मीर में 1990 का मंजर दिखाई दे रहा है। इस वक्त भी सब उसी तरह पलायन कर रहे हैं। करीब 3000 कर्मचारी पहले ही जम्मू पहुंच चुके हैं। अनंतनाग के मट्टन इलाके में 20 गाड़ियां निकल चुकी हैं जिसमें प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत काम करने वाले लोग परिवार के साथ जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं।
Advertisement
Next Article