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पश्चिम चंपारण के लोग तय करेंगे जन सुराज की आगे की रणनीति : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा ने 17 दिन पूरे कर लिए। 18वें दिन पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में विश्राम के दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

05:48 PM Oct 19, 2022 IST | Ujjwal Jain

प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा ने 17 दिन पूरे कर लिए। 18वें दिन पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में विश्राम के दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

पश्चिम चंपारण के लोग तय करेंगे जन सुराज की आगे की रणनीति    प्रशांत किशोर
नरकटियागंज , (पंजाब केसरी): प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा ने 17 दिन पूरे कर लिए। 18वें दिन पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में विश्राम के दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत की। पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं, और जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं, ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें। प्रशांत किशोर ने कहा, “पदयात्रा के माध्यम से हम हर गांव, पंचायत से गुजर रहे हैं और लोगों की मूल समस्या समझने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जब पश्चिम चंपारण छोड़ें उससे पहले पश्चिम चंपारण के हर पंचायत की समस्याओं के आधार पर घोषणा पत्र बना सकें। साथ ही पदयात्रा के माध्यम से पश्चिम चंपारण जिले के जिन सही लोगों को हमने चिन्हित किया है या जो लोग हमसे जुड़े हैं उनका एक जिले स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और उसमें हम जन सुराज की आगे की रणनीति तय करेंगे। नरकटियागंज की जन समस्याओं पर विस्तार से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि चीनी मिलों के दवाब में पश्चिम चंपारण के गन्ना किसानों ने एक नई तरह के गन्ने की फसल का उत्पादन शुरू किया है। लेकिन इस गन्ने में कई तरह के रोग की शिकायत आ रही है, जिससे किसानों का नुकसान हो रहा है। शिक्षा की बदहाली पर बात करते हुए प्रशांत किशोर बोले की छात्रों ने सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों में भी दाखिला लिया हुआ है, ताकि सरकारी स्कूलों का जो भी थोड़ा लाभ मिल रहा है, वो भी लेते रहें। पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि अबतक पदयात्रा जिन गांव पंचायतों से गुजरी है वहां कोई भी सुचारू अस्पताल नहीं। जो खुले में शौच से मुक्त बिहार की स्कीम चलाई जा रही है, वह कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी लोगों को घूस देना पड़ रहा है। साथ ही नरकटियागंज से भिखनाठोड़ी की छोटी रेलवे लाइन को जल्द शुरू किया जाना चाहिए ताकि बड़ी संख्या में लोगों को नरकटियागंज आने-जाने में सहूलियत हो सके।
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