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चीन के खिलाफ नेपाल में सड़कों पर उतरे लोग, केपी ओली की नहीं खुल रही जुबान

नेपाल के एक सिविल सोसायटी समूह ने हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतें बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। बुधवार को मीडिया में आईं खबरों में यह बात कही गई है।

06:52 PM Sep 23, 2020 IST | Desk Team

नेपाल के एक सिविल सोसायटी समूह ने हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतें बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। बुधवार को मीडिया में आईं खबरों में यह बात कही गई है।

नेपाल के एक सिविल सोसायटी समूह ने हुमला जिले में चीन द्वारा कथित रूप से इमारतें बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। बुधवार को मीडिया में आईं खबरों में यह बात कही गई है। खबरों में कहा गया है कि समूह के कार्यकर्ताओं ने ”नेपाल की जमीन वापस लौटाओ” और ”चीन का विस्तारवाद बंद करो” जैसे नारे लगाए।
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खबरों के अनुसार, चीन ने तिब्बत सीमा से लगे नेपाल के हुमला जिले में कथित रूप से 11 भवन बनाए हैं। यह विवादित इलाका हुमला जिले में नमखा ग्रामीण नगरपालिका के लंपचा गांव में आता है। हालांकि चीन ने कहा है कि उसने सीमा पर अपनी ओर इन इमारतों का निर्माण किया है।
खबरों में यह भी कहा गया है कि नेपाल-चीन सीमा का निर्धारण करने वाला पिलर नंबर-11 वहां नहीं है। ”काठमांडू पोस्ट” ने हाल ही में इलाके का दौरा करने वाले हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी दत्ताराज हमल के हवाले से कहा, ” साल 2005 में इलाके में केवल एक झोपड़ी थी।

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मैंने वहां लोगों से बात की और मुख्य जिला अधिकारी को इसकी जानकारी दी। वह गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार उस इलाके के दौरे पर गए हैं।” हुमला से सांसद चक्का बहादुर लामा ने कहा कि जब तक दोनों पक्ष नदारद पिलर का पता नहीं लगा लेते, तब तक विवाद जारी रहेगा।
समाचार पत्र ‘माय रिपब्लिका’ की खबर में कहा गया है कि मंगलवार को मुख्य जिला अधिकारी के नेतृत्व में नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल चीनी अधिकारियों से बात करने उस इलाके में गया, लेकिन चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने यह कहते हुए उन्हें वापस लौटा दिया कि यह जमीन सीमा पर चीन की तरफ आती है।
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