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'झूठी बहादुरी' दिखाने से बचें लोग, 'हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं' - स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को झूठी बहादुरी नहीं दिखाने को लेकर चेताया और कोविड उपयुक्त व्यवहार एवं उपचार दिशा-निर्देशों का पालन करने पर जोर दिया।मंत्रालय ने कहा, ” हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं।”

08:43 PM Apr 30, 2021 IST | Ujjwal Jain

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को झूठी बहादुरी नहीं दिखाने को लेकर चेताया और कोविड उपयुक्त व्यवहार एवं उपचार दिशा-निर्देशों का पालन करने पर जोर दिया।मंत्रालय ने कहा, ” हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं।”

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को झूठी बहादुरी नहीं दिखाने को लेकर चेताया और कोविड उपयुक्त व्यवहार एवं उपचार दिशा-निर्देशों का पालन करने पर जोर दिया।मंत्रालय ने कहा, ” हम थके हुए हो सकते हैं लेकिन वायरस नहीं।”
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हालात से निपटने के लिए सभी के सहयोग का आह्वान करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने लोगों से अपने घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर का भंडार नहीं करने की अपील की।उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ” हम इस झूठी बहादुरी को भी महसूस कर रहे हैं कि कोरोना कुछ नहीं है, यह एक घोटाला है। मुझे मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, आओ पार्टी करते हैं, कोरोना वायरस को लेकर परेशान होने से आगे भी एक दुनिया है। हालांकि, ऐसा नहीं है, हमारे आसपास व्यापक कोरोना वायरस संक्रमण है। किसी भी स्तर पर जरा सी लापरवाही समाज में सभी को प्रभावित करेगी।”
अग्रवाल ने कहा, ” हम लोगों में ऐसे गलत डर को भी देख रहे हैं कि ‘मैं एक संक्रमित के संपर्क में आया, अब मैं भी संक्रमित हूं और मैं निश्चित तौर पर मर जाउंगा।”अगर मैं संक्रमित होता हूं तो मुझे रेमडेसिविर की जरूरत पड़ेगी।’ और ‘घर पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर पहले ही ले आते हैं।”उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डर एवं घबराहट से परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं, जिससे संकट और बढ़ेगा।
अग्रवाल ने लोगों से कोविड से बचाव संबंधी सावधानियों का अनुपालन करने का आग्रह करते हुए कहा, ” वायरस को थकावट नहीं हुई है, हम थके हुए हो सकते हैं। किसी भी स्तर पर लापरवाही का प्रभाव पूरे समाज पर होगा। इस परिस्थिति से निपटने के लिए हमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।”
वहीं, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण की दर में तेजी दर्ज की गई है जिसके चलते स्वास्थ्य ढांचे पर कुछ समय के लिए दबाव बढ़ गया है।उन्होंने कहा कि इस बार छोटे शहरों में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अधिक है।
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