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बिना सिर पहुंची पंजाबी शहीद की देह, गुस्से और गम के बीच पाक के विरूद्ध लोगों ने लगाएं नारे

बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की रक्षा के दौरान पड़ोसी मुलक सरहद पार पाकिस्तान की बैट टीम (बार्डर एक्शन टीम) के दरिंदों द्वारा किए गए

03:31 PM Dec 18, 2019 IST | Shera Rajput

बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की रक्षा के दौरान पड़ोसी मुलक सरहद पार पाकिस्तान की बैट टीम (बार्डर एक्शन टीम) के दरिंदों द्वारा किए गए

बिना सिर पहुंची पंजाबी शहीद की देह  गुस्से और गम के बीच पाक के विरूद्ध लोगों ने लगाएं नारे
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लुधियाना- होशियारपुर : बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की रक्षा के दौरान पड़ोसी मुल्क सरहद पार पाकिस्तान की बैट टीम (बॉर्डर एक्शन टीम) के दरिंदों द्वारा किए गए नापाक हमले का जवाब देते हुए शहादत का जाम पीने वाले पंजाब के तलवाड़ा स्थित गांव फतेहपुर के 21 वर्षीय सुखविंदर सिंह का आज अंतिम संस्कार गांव की ही शमशान भूमि में दोपहर 3 बजे सैन्य सम्मान के साथ कर दिया गया। आज सुखविंदर सिंह की मृत देह तिरंगे में लिपटकर पहुंची तो लोगों ने सजल नेत्रों से उसकी जय-जयकार करते हुए भारत मां की जयघोष की।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज जब शहादत का जाम पीने वाले शहीद के ताबूत को परिवारिक वारिसों ने खोला तो उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें मालूम हुआ कि सुखविंद्र का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था और सिर को दुश्मन अपने साथ ले गए थे।
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मृतक देह को लेकर आएं सेना के जवानों ने इसी संबंध में परिवार वालों को जानकारी दी तो उपस्थित हजारों की संख्या में शहीद को श्रद्धांजलि देने आएं लोगों में गुस्सा उफान पर था। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत से गांव के लोगों और नौजवानों ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मुर्दाबाद दोहराई। घर में शहीद का पार्थिव शरीर पंहुचते ही माता रानी देवी व भाई गुरपाल सिंह का विलाप देखा नहीं जा रहा था।
 
घर से भारत-पाक बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए जाते समय सुखविंदर सिंह कहकर गए थे कि वह जल्द ही लौटेंगे, लेकिन आज सुखविंदर सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा। सुखविंदर देश की रक्षा करते हुए अपनी मां रानी देवी और बड़े भाई गुरपाल सिंह को हमेशा के लिए रोता-बिलखता छोड़ गया है। युवाओं में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से के साथ-साथ शहादत पर गर्व है।
अंतिम संस्कार के समय युवाओं ने हाथ में तिरंगा व शहीद सुखविंदर सिंह की फोटो के पोस्टर पकड़ कर शहीद को अंतिम विदाई दी।शहीद की चिता को मुख्याग्नि उसके बडे भाई गुरपाल सिंह ने दी।  यहां भारतीय सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड आफ आनर दिया और पंहुची प्रशासनिक,राजनीतिक व समाजसेवी शख्सियतों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोमवार को जम्मू के राजौरी में ड्यूटी के दौरान पाकिस्तानी की तरफ की गई गोलाबारी का डटकर जबाव देते हुए भारतीय सेना के दो जाबांज सैनिक शहीद हो गए थे। उनमें से एक जिला होशियारपुर के ब्लॉक तलवाड़ा के अंतर्गत पड़ते करीबी गांव फतेहपुर का जवान सुखविंदर सिंह भी शामिल था।
सूत्रों के मुताबिक जिस पोस्ट पर पाकिस्तानी कमांडों ने हमला किया था, वह तीनों ओर से पाकिस्तानी पोस्टों से छिपी हुई है और यहां पहले भी इस पोस्ट पर पड़ोसी मुल्क हमलों को अंजाम दे चुका है।
पिछले माह ही सुखविंदर किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर आया था, ड्यूटी पर वापस जाते समय उसने कहा था कि वह जल्द ही फिर वापस लौटकर आएगा, मगर उन्हें क्या पता था कि अब खुद नहीं बल्कि ताबूत में लिपटा उसका पार्थिव शरीर आएगा। मां रानी देवी व बड़े भाई गुरपाल सिंह के आंसू नहीं थम रहे थे। पाक की नापाक हरकतों से गांववासियों में खासा आक्रोश था।
कंडी क्षेत्र के ब्लॉक तलवाड़ा के अंतर्गत पड़ते गांव फतेहपुर का शहीद सुखविंदर सिंह (21) ने सरकारी हाई स्कूल फतेहपुर में से 10वीं पास की थी। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लडक़े) सेक्टर-एक तलवाड़ा से 12वीं पास की। खुद की कड़ी मेहनत करके ही भारतीय सेना में वर्ष 2017 सेना में भर्ती हो गए थे।
शहीद के पिता अभिनेश कुमार पंजाब राज्य बिजली बोर्ड में एएलएल के पद पर आसीन थे। पिता की भी मृत्यु वर्ष 2007 में हो गईं थी। उनकी माता रानी देवी ने बड़ी मुश्किल से पालन-पोषण करके बड़ा किया था। माता रानी देवी गृहणी हैं, जबकि बड़ा भाई गुरपाल सिंह बेरोजगार है।
शहीद के गांव में मातम पसरा है। पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में खूब गुस्सा है। वहां पर मौजूद नंबरदार रजिंदर सिंह ने कहा कि पाक की घिनौनी हरकत ने उनके लाडले को हमेशा के लिए छीन लिया। पाक को सबक सिखाना बहुत जरूरी है, पर सरकारें न जाने क्यों चुप रहती हैं। न जाने कितने जवान ऐसे ही शहादत का जाम पीते रहेंगे। शहीद सुखविंदर सिंह की माता और बड़े भाई समेत पूरे गांव को यह बड़ा झटका लगा है। देश सुखविंदर को हमेशा याद रखेगा।
– सुनीलराय कामरेड
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