"सरकार में बैठे लोग, भ्रष्टाचारी लोगों को बचाने में...", तेजस्वी यादव का बड़ा बयान
भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है सरकार: तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार और संगठित लूट के कारण वित्तीय अराजकता फैली हुई है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले सात कैबिनेट बैठकों में 76 हजार 622 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिनमें से अधिकांश निर्माण संबंधित हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबाधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार के खुद के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार और संगठित लूट के कारण वित्तीय अराजकता फैली हुई है। इन्होंने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में विगत सात कैबिनेट में 76 हजार 622 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति दी, जिनमें से अधिकांश योजनाएं निर्माण से संबंधित है।
लूट करना सरकार का मकसद
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “इसमें भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग और अन्य वैसे विभाग शामिल हैं जहां ग्लोबल टेंडर और ठेकेदारी के माध्यम से मंत्रियों को 30 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है। ये भ्रष्ट सरकार चुनावी वर्ष में निर्माण संबंधित योजनाओं में तत्काल टेंडर निकाल और तत्काल कमीशन प्राप्त कर चुनावी खर्च निकाल रही है। बिना सोचे-समझे निर्माण और भवन का ढांचा खड़ा कर लूट करना ही सरकार का मकसद रह गया है।
दूसरे विभाग के लिए राशि कहां से लाएंगे
राजद नेता ने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 का बजट आकार 03 लाख, 17 हजार करोड़ रखा गया है जो पिछले वित्तीय वर्ष 2024-2025 के तुलना में बजट राशि का 38 हजार करोड़ रूपया ज्यादा है। 03 लाख 17 हजार करोड़ के योजना मद के लिए सिर्फ 01 लाख 16 हजार करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं जबकि पिछले तीन महीने में ही कैबिनेट के द्वारा चुनावी वर्ष को देखते हुए 76 हजार करोड़ से अधिक के योजनाओं की कैबिनेट के द्वारा घोषणा की जा चुकी है। सरकार बताए कि वित्तीय वर्ष के बजट योजना मद में जो 01 लाख 16 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है क्या उसमें विगत वित्तीय वर्ष की ऑन गोईंग योजनाओं की राशि सम्मिलित है कि नहीं? अगर है तो फिर नई योजनाओं और दूसरे विभाग के लिए राशि कहां से लाएंगे?
सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 37%
इन्होंने आगे कहा कि बिहार में सरकार बजट का 8 से 9 प्रतिशत सूद में ही खर्च कर रही है जो सलाना 25 से 30 हजार करोड़ रूपये तो सरकार द्वारा लिए गए कर्ज का ब्याज चुकता करने में ही चला जाता है। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में कुल कर्ज 4 लाख 6 हजार करोड़ रूपये संभावित है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 37 प्रतिशत है।
लूटो जितना लूट सको की नीति पर चल रही सरकार
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार के मंत्री आते हैं कि लेकिन वो ये नहीं बताते कि बिहार के लिए क्या दिया है। बिहार में लूटो जितना लूट सको की नीति पर डबल इंजन सरकार चल रही है। केन्द्र के द्वारा बिहार को मदद नहीं दिए जाने के कारण कहां से इन योजनाओं के लिए राशि लिए जाएंगे ये सरकार के द्वारा नहीं बताई जा रही है। बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार, संगठित लूट और रिश्वतखोरी का रिकोर्ड तोड़ रही है। बिहार की जनता उपर से नीचे तक अनियंत्रित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, घूसखोरी और दलाली से परेशान है। ब्लॉक, थाना और हर स्तर पर भ्रष्टाचार बढ़ चुका है। ऐसा लगता है कि बिहार में सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के लिए ही बनी है।
जनता के पैसो का लूट चल रहा
इन्होंने आगे कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में जनता और बिहार के लोगों के पैसे की लूट हो रही है, जहां 02 अरब, 25 करोड़ रूपये में दिल्ली से छह सौ डिजिटल रथ मंगा कर महिला संवाद के नाम पर लूट किए जा रहे हैं। चुनावी प्रचार के लिए सरकारी खजाने से 02 अरब, 25 करोड़ रूपये की बड़ी धनराशि सरकारी खजाने से रथ चलाने में खर्च क्यों हो रहे हैं? संस्थागत और संगठित लूट की स्थिति यह है कि 10 भवनों के रख-रखाव पर 688 करोड़ रूपये सरकार खर्च कर रही है। ऐसे भवनों की साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए सरकार ने निजी कम्पनियों को ठेका क्यों दिया है, इसके लिए सीधे नियुक्ति क्यों नहीं की गई। अगर सीधे नियुक्ति हुई होती तो इससे हजारों लोगों को नौकरी मिलती।
नल जल योजना पर खूब बरसे तेजस्वी
तेजस्वी ने आगे कहा कि नल-जल योजना में नल तो है लेकिन जल नहीं मिल रहा है और भ्रष्टाचार से डूबा हुआ नल-जल योजना है। कौन नहीं जानता कि इस योजना में हजारो-हजार करोड़ की संस्थागत लूट हुई है। पूरे बिहार के लोगों को पता है कि नल-जल योजना भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्त्रोत है। इन्होंने आगे कहा कि बिहार में बिना एप्रोच के 05 हजार ऐसे पुल-पुलियां बनाये गये हैं जिसका उपयोग नहीं हो रहा है। इन 05 हजार पुल पुलियों से हजारों करोड़ रूपये की लूट किसने की, सरकार में बैठे हुए लोग जवाब दें। बिना एप्रोच रोड के किसने इस तरह के पुल-पुलिया बनाये और किसने संगठित लूट की इसपर सरकार को जवाब देना चाहिए।
घिसापीटा जवाब देकर फायदा उठा रहे
सरकार में बैठे हुए लोग घिसापीटा जवाब देकर फायदा उठा रहे हैं जबकि सच्चाई तो यह है कि इ्रजीनियर्स के यहां करोड़ो रूपये रेड पड़ने पर मिलते हैं। सरकार में बैठे हुए लोग ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। रिटायर्ड लोगों को सरकार एक्सटेंशन देकर लूट का रास्ता खोल रही है। इन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर ऐसे सारे संस्थागत और ग्लोबल टेंडर के लूट और संस्थागत भ्रष्टाचार की जांच होगी और ऐसे लोगों को जो बचाने के अभियान में लगे हुए हैं उनको चिन्हित किया जायेगा।
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