आपात इस्तेमाल की मंजूरी प्राप्त PFIZER वैक्सीन ने बढ़ाई टेंशन, सामने आए उम्मीद से ज्यादा एलर्जी के मामले
अमेरिका के ‘ऑपरेशन वॉर्प स्पीड’ के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर मॉन्सेफ ने यह जानकारी दी की फाइजर का टिका लगाने वाले लोगों में एलर्जी की समस्या उम्मीद से ज्यादा आ रही है।
12:11 PM Dec 25, 2020 IST | Desk Team
कोरोना वायरस के बढ़ते आतंक के बीच अमेरिका में ब्रिटेन की वैक्सीन कंपनी फाइजर के बनाए कोरोना के टीके को आनन-फानन में इस्तेमाल की मंजूरी मिली। लेकिन अब फाइजर कंपनी का कोरोना टीका एक बुरी खबर लेकर आया है। जानकारी के मुताबिक फाइजर का टिका लगाने वाले लोगों में एलर्जी की समस्या उम्मीद से ज्यादा आ रही है। अमेरिका में 30 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन का टीका पहुंचाने वाले अभियान के ‘ऑपरेशन वॉर्प स्पीड’ के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर मॉन्सेफ ने यह जानकारी दी है।
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डॉक्टर मॉन्सेफ ने बताया है कि फाइजर-बायोनटेक की बनाई कोरोना वैक्सीन से लोगों में एलर्जी की समस्या देखी जा रही है जो कि उम्मीद से ज्यादा है। इस वैक्सीन से कुल 8 लोगों में एलर्जी की समस्या देखी गई है। इनमें से 6 अमेरिकी हैं और 2 यूके के हैं। यह जानकारी ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही अमेरिका ने फाइजर के साथ कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ अतिरिक्त खुराक मुहैया करवाने के लिए डील की है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार विचार-विमर्श कर रहा था कि वे अत्यधिक एलर्जिक लोगों में ट्रायल करने का सोचें, खासतौर पर एपि-पेन ऐंटी-एलर्जिक दवा लेने वालों में।
यूके में मेडिसिन ऐंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (MHRA) ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर लोगों को कहा था कि जिन लोगों को ज्यादा एलर्जी की समस्या रही है वे फाइजर-बायोनटेक वैक्सीन न लें। अमेरिकी FDA ने भी ऐसी ही एडवाइजरी जारी की है। फिलहाल एलर्जी के कारणों में सबसे ऊपर पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (पीईजी) कंपाउंड को माना जा रहा है, जो वैक्सीन के मुख्य अंश मेसेंजर RNA (mRNA) में मौजूद है। फाइजर-बायोनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन में मौजूद पीईजी का इस्तेमाल इससे पहले कभी किसी वैक्सीन में नहीं किया गया है। हालांकि, यह कुछ दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।
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