बिहार में छाई 'पिंक' बस सेवा, 2 महीनों में छह गुना बढ़ा सफर करने वालों का आंकड़ा
पटना। बिहार में महिलाओं के लिए शुरू की गई पिंक बस सेवा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) की ओर से चलाई जा रही यह विशेष बस सेवा महिला यात्रियों के लिए न केवल सुरक्षित सफर का माध्यम बनी है, बल्कि कम समय में इसका दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है। मई 2025 में जहां लगभग 5,000 महिलाओं ने इस सेवा का उपयोग किया, वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 28,000 से अधिक हो गई। सिर्फ दो महीनों में 33,000 से अधिक महिलाएं पिंक बस में सफर कर चुकी हैं।
पटना प्रमंडल रहा सबसे आगे
इस दौरान सबसे ज्यादा महिला यात्री पटना प्रमंडल में दर्ज की गईं, जहां अकेले 21,000 से अधिक महिलाओं ने पिंक बस में यात्रा की। वहीं, भागलपुर, पूर्णिया, गया और दरभंगा प्रमंडलों में भी सात हजार से अधिक कामकाजी महिलाओं और छात्राओं ने इस सेवा का लाभ उठाया। BSRTC के अनुसार, महिला यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो सेवा की सफलता का संकेत है।
80 और पिंक बसों की योजना तैयार
वर्तमान में राज्य में 20 सीएनजी पिंक बसें चल रही हैं, जिनमें आठ पटना, चार मुजफ्फरपुर, दो-दो भागलपुर, गया, दरभंगा और पूर्णिया में संचालित हैं। अब परिवहन निगम ने सभी जिला मुख्यालयों को इस सेवा से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके तहत 80 और नई पिंक बसें चलाने की तैयारी की जा रही है, जिनमें से 35 बसें राजधानी पटना में संचालित होंगी। ये नई बसें अगस्त 2025 के अंत तक राज्य में पहुंच जाएंगी।
महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं
महिला यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन बसों में पहले से ही जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और महिला कंडक्टर की व्यवस्था है। साथ ही, नई बसों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन और मेडिसिन किट जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। नई बसों के संचालन के लिए दो चरणों में महिला चालकों को आवासीय प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई गई है, ताकि महिलाएं न केवल इन बसों में सुरक्षित सफर कर सकें, बल्कि इसके संचालन में भी सक्रिय भूमिका निभा सकें।
कॉलेजों में लगाए जाएंगे कैंप
BSRTC पिंक बस पास को बढ़ावा देने के लिए राजधानी के कॉलेजों में विशेष कैंप आयोजित करेगा, ताकि छात्राएं भी इस सेवा का आसानी से लाभ ले सकें। सरकार का उद्देश्य है कि हर महिला को एक सुलभ, सुरक्षित और सम्मानजनक सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जा सके।