Pitra Dosh Ke Upay: गरुड़ पुराण में बताए गए ये उपाय करेंगे पितृ दोष को दूर, जानें इसके लगने का कारण
Pitra Dosh Ke Upay: पितृ दोष हमारे जीवन का वह ग्रहण है जो अगर किसी व्यक्ति या उसके परिवार को लग जाए तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलता ही रहता है। पितृ दोष अगर किसी को लग जाता है को इसके कारण लोगों को जीवन में परेशानियों और दुखों का आगमन होने लगता है। जीवन से खुशियां रूठ जाती हैं और मानसिक शांति की भी हानि होती है। पितृ दोष लगने की वजह से व्यक्ति को और उसके साथ-साथ पूरे परिवार को काफी बड़े-बड़े कष्ट झेलने पड़ते हैं। पितृ दोष का उल्लेख गरुड़ पुराण में वर्णित है।
पितृ दोष के बारे में और उससे छुटकारा पाने के बारे में भी गरुड़ पुराण में साफ-साफ लिखा गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि उस परेशानी से किस तरह और किन उपायों को करके मुक्ति पाई जा सकती है। आपको बता दें कि पितृ दोष तब लगता है जब किसी व्यक्ति का विधि-विधान से अंतिम संस्कार या फिर श्राद्ध कर्म न किया जाए, तो इससे उस व्यक्ति की आत्मा शांत नहीं होती, जिस कारण उसके परिजनों को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि पितृ दोष को दूर करने के उपाय क्या-क्या हैं।
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Pitra Dosh Ke Upay: जानें पितृ दोष को दूर करने के आसान उपाय
1. पितृदोष को दूर करने के लिए पितृपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध जरूर करें
2. पितृदोष को दूर करने के लिए और पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष के दिन पीपल के पेड़ में काला तिल को दूध में डालकर वह दूध चढ़ाएं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ पर अक्षत और फूल अर्पित करके पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
3. पितृदोष को दूर करने के लिए रोजाना घर की दक्षिण दिशा में शाम के समय दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितृदोष के साथ-साथ घर की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
4. पितृदोष के मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष में दोपहर के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें। ऐसा करने से पितृदोष दूर होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है
5. पितृदोष के मुक्ति पाने के लिए हर अमावस्या पर पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए।
6. इसके अलावा पितृदोष के मुक्ति पाने के लिए हर अमावस्या पर दान-पुण्य और सामर्थ्य अनुसार भोज का आयोजन करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन जीव-जंतु जैसे, कुत्ता, गाय, कौए को अन्न जरूर खिलाना चाहिए।
7. पितृदोष के मुक्ति पाने के लिए पूर्वजों की फोटो को घर की दक्षिण दिशा में लगा उस पर फूलों की माला चढ़ाकर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि दक्षिण दिशा को यमलोक की दिशा माना जाता है।
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Pitra Dosh Kaise Lagta Hai: जानें पितृदोष लगने के पीछे क्या है कारण
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पितृदोष कई वजहों से लग सकता है। पितृदोष लगने के पीछे का सबसे पहला और सबसे बड़ा कारण यह है कि यदि किसी के घर में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाती है और अगर उसका अंतिम संस्कार और तर्पण सही तरीके से और पूरे विधि-विधान से नहीं किया जाता तो उस व्यक्ति की आत्मा मरने के बाद भी भटकती रहती है। इतना ही नहीं मृत हो चुका व्यक्ति परलोक में भी दुख उठाता रहता है। इसी कारण से मृत हो चुका व्यक्ति के मन के दुख और नाराजगी की वजह से घर में रह रहे सदस्यों और खासकर घर के मुखिया को पितृदोष का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा पितृदोष लगने का एक सबसे बड़ा कारण यह भी है कि अगर किसी की कुंडली में अगर दूसरे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव में सूर्य के साथ केतु मिल रहा है तो इस वजह से भी पितृदोष लग सकता है। अगर किसी को पितृदोष लग जाता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण, हवन-पूजा जैसे धार्मिक अनुष्ठान जरूर करने चाहिए। गरुड़ पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष सबसे उत्तम अवधि है।
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Pitra Dosh Ki Galtiyan: इन गलतियों की वजह से भी लग जाता है पितृदोष
1. पितरों या घर के बड़े बुजुर्गों का बिना सोचे-समझे अपमान करना या उनकी अवहेलना करने पर भी पितृ दोष लग सकता है।
2.पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को काटने पर भी पितृ दोष लग सकता है।
3. अगर आपके घर में भी रोजाना कलेश होते हैं तो इस वजह से भी पितृ दोष लग सकता है।
4. किसी जानवर या सांप की हत्या करने पर पितृ दोष लग सकता है।
5. अगर पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय न किए जाए, तो यह पीढ़ियों तक चलता रहता है।
6. पितृ दोष लगने की वजह से घर में कोई-न-कोई सदस्य हमेशा बीमार बना रहता है। इसी के साथ जातक के विवाह में भी बाधा आती है।
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