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Pitra Paksh 2025 Rules: पितृ पक्ष में जरूर करें इन नियमों का पालन, जानें इस दौरान किन चीजों का करें सेवन

05:41 PM Sep 06, 2025 IST | Shweta Rajput
Pitra Paksh 2025 rules

Pitra Paksh 2025 Rules: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष काफी महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और इस दौरान विभिन्न तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025, रविवार से हो रही है। वहीं पूर्णिमा श्राद्ध भी इसी दिन मनाया जाएगा। इसके अलावा पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध यानी प्रतिपदा श्राद्ध 8 सितंबर को पड़ेगा और महालया श्राद्ध 21 सितंबर को रहेगा।

पितृ पक्ष के दिनों में लोग अपने पूर्वजों को याद करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और हवन-पूजन करते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दिनों में पितरों को जल अर्पित करने जैसे प्रमुख्य अनुष्ठान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। वहीं इस समय कुछ जरूरी नियमों का बी पालन किया जाता है। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के दिनों में क्या हैं वह महत्वपूर्ण नियम और इस दौरान किन चीजों का सेवन करना होगा सही।

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Pitra Paksh 2025 Rules: पितृ पक्ष को दौरान इन नियमों का करें पालन

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Pitra Paksh 2025 Rules

पितृ पक्ष को दौरान कुछ जरूरी बातों का आपको अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान पितरों के तर्पण के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम माना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान किसी भी शुभ काम को कुछ समय के लिए स्थगित कर देना चाहिए। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए, जैसे विवाह या गृह प्रवेश आदि। पितृ पक्ष के दौरान घर में लहसुन और प्याज का उपयोग नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं पितृ पक्ष को दौरान मांस-मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

पितृ पक्ष के समय पितरों को सात्विक भोजन ही अर्पित करना चाहिए। इस दौरान पितरों का तर्पण करने के बाद कौवे, गाय और कुत्ते को भोजन जरूर कराना चाहिए। इन्हें पितरों का प्रतीक माना जाता है और ऐसा करने से पितरों का आर्शीवाद मिलता है। अगर संभव हो तो किसी पवित्र नदी के पास ही पितरों का तर्पण करना चाहिए। इसके अलावा पूजा के समय ॐ पितृभ्यः नमः, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।। इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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Pitra Paksh 2025 Diet: पितृ पक्ष के दौरान इन चीजों का भूलकर भी न करें सेवन

Pitra Paksh 2025 diet

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध के दौरान मांसाहारी भोजन नहीं खाना चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान घर में केवल शाकाहारी भोजन ही बनता है। पितृ पक्ष के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करना ही शुभ माना जाता है। इस दौरान सब्जी या किसी भी चीज में लहसुन और प्याज को डालने से बचना चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान उड़द की दाल और मसूर दाल को खाने से बचना चाहिए। इन्हें कुछ समय तक नहीं खाना और बनाना चाहिए। क्योंकि इन्हें तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है जिसका सेवन करने से पितृ दोष लग सकता है।

पितृ पक्ष के दौरान मूली, गाजर, शलजम,और खीरा जैसी सब्जियों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इन दिनों में घर पर बनाए जाने वाले खाने में प्याज और लहसून को नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से श्राद्ध और पिंडदान में रूकावट आ सकती है, इसलिए भूल से भी इसका सेवन का करें। श्राद्ध में भोजन को लोहे के बर्तन में नहीं परोसना चाहिए। इसके लिए तांबे, पीतल या अन्य किसी धातु के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान चना का सेवन भी वर्जित माना जाता है। इस दौरान चना, चने की दाल और चने से बना सत्तू भी खाना और खिलाना अच्छा नहीं माना जाता है।

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Pitra Paksh 2025 Food: पितृ पक्ष के दौरान इन चीजों का कर सकते हैं सेवन

Pitra paksh 2025 Food

पितृ पक्ष के दौरान केवल अरवा चावल ही खाना चाहिए। इस दौरान उसना चावल का सेवन पितृ पक्ष में वर्जित माना गया है। पितृ पक्ष दौरान आप इन 5 सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इन सब्जियों में भिंडी, केला, आलू, कद्दू (कुम्हड़ा) और मूली शामिल हैं। इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान आप केले, नारियल, सेब, संतरे और अन्य मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं। इस समय खजूर, अंजीर और अन्य सूखे मेवे खाना भी अच्छा होता है। पितृ पक्ष के दौरान गुड़ का सेवन करने और दान करने से पितरों को प्रसन्नता होती है।

इन दिनों में आप मटर और सरसों का सेवन भी कर सकते हैं। बता दें कि श्राद्ध में मुख्य रूप से पितरों की पसंद का सात्विक भोजन बनाया जाता है। इनमें चावल की खीर, पूरी, दाल (जैसे उड़द की दाल के बड़े), मौसमी सब्ज़ियाँ (लौकी, तोरी, भिंडी, कच्चे केले की सब्जी) आदि शामिल हैं। भोजन बनाते समय गाय का दूध, दही, घी, तिल, गंगाजल, शहद और कुश का प्रयोग विशेष रूप से करना अच्छा माना जाता है। पितरों के भोग में उड़द दाल का विशेष महत्व है। उड़द दाल भारतीय परंपरा में श्राद्ध कर्म और तर्पण के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। उड़द दाल को पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति का प्रतीक माना जाता है।

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