सिख विरोधी दंगों पर पित्रोदा की टिप्पणी की हरसिमरत कौर ने निंदा की
सिख विरोधी दंगों को लेकर सैम पित्रोदा की टिप्पणी की आलोचना करते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी
सिख विरोधी दंगों को लेकर सैम पित्रोदा की टिप्पणी की आलोचना करते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को कहा कि यह “अशोभनीय” टिप्पणी गांधी परिवार की मानसिकता को दर्शाती है। सुखबीर ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से पूछा कि क्या इस “अशोभनीय” टिप्पणी के बाद भी वह कांग्रेस में बने रहेंगे।
पित्रोदा ने 1984 के दंगों के बारे में पूछे जाने पर कथित तौर पर कहा: “84 में जो हुआ तो हुआ।” उन्होंने कहा, “राजीव गांधी के दिनों से ही पित्रोदा गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे हैं और अब भी राहुल गांधी के प्रधान सलाहकार हैं। उनकी टिप्पणी गांधी परिवार की सोच का खुलासा करती है। यह टिप्पणी इस बात का अंतिम और पुख्ता साक्ष्य है कि किसने नरसंहार का आदेश दिया और गांधी परिवार कैसे सिखों के साथ हुए इस त्रासदी को देखता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक इन टिप्पणी से अपने को अलग नहीं करके राहुल गांधी ने भी इन विचारों का अनुमोदन कर दिया है। यह अशोभनीय है।’’
कांग्रेस नेता का दावा : पित्रोदा के बयान पर को तोड़ मरोड़कर किया पेश
सुखबीर ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘1984 के सिख नरसंहार के बारे में सैम पित्रोदा की अशोभनीय टिप्पणी के बाद भी मुझे आश्चर्य है कि क्या अमरिन्दर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से चिपके रहेंगे? यह अवसर है कि अमरिन्दर को चुनाव में हार का सामना करने से पहले सम्मानित ढंग से अलग हो जाना चाहिए।’’
हरसिमरत कौर ने एक ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस परिवार के करीबी और राजीव गांधी के घनिष्ठ मित्र सैम पित्रोदा ने ऐसा कहकर इस अमानवीय कृत्य को न्यायोचित ठहराया कि ऐसा होने से क्या हुआ, और स्वीकार किया है कि उनके आका ने 1984 के सिख नरसंहार का तानाबाना बुना।
इस बीच, अमृतसर में पित्रोदा की टिप्पणी के खिलाफ भाजपा और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।