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Pitru Paksha 2025 End Date: कब समाप्त हो रहा है पितृ पक्ष, जानें महालया अमावस्या का महत्व और शुभ मुहूर्त

01:55 PM Sep 17, 2025 IST | Shweta Rajput
Pitru Paksha End Date 2025

Pitru Paksha 2025 End Date : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष काफी महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और इस दौरान विभिन्न तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025, रविवार से हो गई है।वहीं पूर्णिमा श्राद्ध भी इसी दिन मनाया जाएगा। पितृ पक्ष के दिनों में लोग अपने पूर्वजों को याद करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और हवन-पूजन करते हैं।

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दिनों में पितरों को जल अर्पित करने जैसे प्रमुख्य अनुष्ठान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं इस बार पितृ पक्ष किस दिन समाप्त हो रहा है और महालया अमावस्या कब है और इसका महत्व क्या है।

Pitru Paksha 2025 End Date: जानें कब समाप्त हो रहा है पितृ पक्ष

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Pitru Paksha End Date 2025

सनातन धर्म में पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व माना जाता है। इन दिनों सभी लोग अपने पितरों को याद करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं और पितरों का आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हैं। साथ ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस साल 2025 में 7 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है और इसकी समाप्ति 21 सितंबर 2025, रविवार को होगी।

पितृ पक्ष के आखिरी दिन महालया अमावस्या है जो पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। 20 सितंबर की रात 12:16 बजे से आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या तिथि शुरू हो रही है और यह तिथि 21 सितंबर की रात 1:23 बजे तक रहेगी। पितरों की आत्मा की शांति के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है। इस समय श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जा सकता है।

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Mahalaya Amavasya Kya Hai: जानें महालया अमावस्या का क्या महत्व है

Mahalaya Amavasya Kya Hai

हिंदू धर्म में महालया अमावस्या का भी काफी बड़ा महत्व है। महालया अमावस्या को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। महालया अमावस्या के दिन ही मां दुर्गा कैलाश पर्वत से विदा लेती हैं। इतना ही नहीं महालया अमावस्या को मां दुर्गा के आगमन का समय भी माना जाता है। महालया अमावस्या को दुर्गा पूजा त्योहार की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।

बता दें कि महालया अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। महालया अमावस्या के दिन ही शुभ मुहूर्त में पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य किए जाने की परंपरा है। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि महालया अमावस्या के दिन पितरों का विधिपूर्वक तर्पण आदि करने से उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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Mahalaya Amavasya Shubh Mahurat: जानें महालया अमावस्या का शुभ मुहूर्त

Mahalaya Amavasya Shubh Mahurat

पंचांग के अनुसार इस साल पितृ पक्ष की समाप्ति 21 सितंबर 2025, रविवार को होगी। इस दिन महालया अमावस्या है जो पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है।

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