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पीके का दावा : भाजपा के संपर्क में नीतीश, जदयू ने बताया भ्रामक

चुनावी रणनीतिकार पीके ने दावा किया कि बिहार सीएम नीतीश एक बार फिर से भाजपा के संपर्क में हैं, स्थिति मांग पूरी होने पर वह फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। जदयू पीके के दावा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भ्रामक बयान दे रहे हैं।

08:24 PM Oct 19, 2022 IST | Desk Team

चुनावी रणनीतिकार पीके ने दावा किया कि बिहार सीएम नीतीश एक बार फिर से भाजपा के संपर्क में हैं, स्थिति मांग पूरी होने पर वह फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। जदयू पीके के दावा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भ्रामक बयान दे रहे हैं।

चुनावी रणनीतिकार पीके ने दावा किया कि बिहार सीएम नीतीश एक बार फिर से भाजपा के संपर्क में हैं, स्थिति मांग पूरी होने पर वह फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। जदयू ने पीके के दावा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भ्रामक बयान दे रहे हैं। बता दे की प्रशांत किशोर बिहार को साधने के लिए राज्य में पदयात्रा कर रहे हैं , ताकि राज्य में राजनीतिक स्थिति को आंक पाना आसान बन जाए। अभी तक प्रशांत किशोर कई राजनीतिक दलों के रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं। लेकिन अब वह पदयात्रा के जरिए बिहार की राजनीति में प्रवेश करने जा रहे हैं। प्रशांत किशोर का दावा हैं कि भाजपा के साथ जदयू सांसद व उपसभापति हरिवंश के जरिए संचार कर रहे हैं। 
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पीके के दावे पर पार्टी ने कहा कि वह भाजपा के साथ नहीं मिलाएंगे। जदयू ने अपना वक्तव्य देते हुए पीके के बयान को खारिज कर दिया। किशोर ने कहा था कि लोग यह सोच रहे हैं नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ एक गठबंधन बना रहे हैं, लेकिन उन्होनें भाजपा के साथ हरिवंश के जरिए वार्ता की लाइन खुली रखी हैं। उन्होनें आगे कहा कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद हरिवंश को उपसभापति के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया हैं। 
आपको बता दे की जदयू ने भाजपा के साथ सरकार गिराकर आरजेड़ी के साथ मिलकर बिहार में फिर से सत्ता को स्थापित कर लिया हैं। इससे पहले भी नीतीश कुमार भाजपा के साथ ऐसा कर चुके हैं, लेकिन बीजेपी कह चुकी हैं नीतीश कुमार के एनडीए के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। जो कड़ी चेतावनी के रूप में हैं। 
दरअसल नीतीश कुमार आरजेडी में आने के बाद से ही ज्यादा खुशी महसूस नहीं कर रहे हैं। आरजेडी के कई विधायकों को कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया है। आरजेडी के साथ आने के बाद से ही राज्य प्रशासन की व्यवस्था राज्य में डगमगा गयी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भले ही जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ लिया, लेकिन हरिवंश को इसी वजह से राज्यसभा के उपसभापति के पद से इस्तीफा न देने के लिए कहा गया है।

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