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Plastic Bottle Side Effects: प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने की न करें भूल, हो सकते हैं इन रोगों के शिकार

01:14 PM Jan 10, 2024 IST | Aastha Paswan
plastic bottle side effects  प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने की न करें भूल  हो सकते हैं इन रोगों के शिकार

Plastic Bottle Side Effects: हम सभी अधिकतर प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं। घर, स्कूलकॉलेज या ऑफिस लगभग हर जगह हम पानी पीने के लिए प्लास्टिक बोतल का ही इस्तेमाल करते हैं। हालांकि प्लास्टिक की बोतल का पानी हमारी सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। एक स्टडी में कई हैरान करने वाली बाते सामने आई हैं।

Highlights

  • स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है प्लास्टिक
  • प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने की न करें भूल
  • क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है प्लास्टिक

रिसर्च के अनुसार, पानी की एक सामान्य एक लीटर बोतल में औसतन लगभग 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं। इस वैज्ञानिकों ने नैनोप्लास्टिक्स पर फोकस किया है। यह माइक्रोप्लास्टिक्स से भी छोटे कण होते हैं। यह पहली बार था, जब अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय की टीम ने रिफाइंड टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बोतलबंद पानी में इन सूक्ष्म कणों को गिनकर इनकी पहचान की है। प्लास्टिक के ये छोटे टुकड़े हमारी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक ?

जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की स्टडी से पता चलता है कि बोतलबंद पानी में पहले के अनुमान से 100 गुना अधिक प्लास्टिक कण हो सकते हैं। ये नैनोप्लास्टिक्स इतने छोटे होते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक्स के विपरीत आंतों और फेफड़ों से सीधे खून में प्रवेश कर सकते हैं और वहां से हृदय और मस्तिष्क सहित अन्य अंगों तक पहुंच सकते हैं।

प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने के हानिकारक प्रभाव

ब्रेस्ट कैंसर

सूर्य के संपर्क में आने से प्लास्टिक की पानी की बोतलें डाइऑक्सिन नामक टॉक्सिन प्रोड्यूस करती हैं। यह डाइऑक्सिन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाता है।

डायबिटीज

प्लास्टिक की बोलत में पानी पीने से डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, ये बोलतें बाइफिनाइल जो एक एस्ट्रोजन-मिमिकिंग केमिकल होता है। डायबिटीज, मोटापा, प्रजनन संबंधी समस्याएं, व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लड़कियों में जल्दी प्यूबर्टी का कारण बनता है।

लिवर कैंसर

प्लास्टिक में पाए जाने वाले थैलेट्स नामक केमिकल से लिवर कैंसर और स्पर्म की संख्या में कमी हो सकती है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर
लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Aastha Paswan

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