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हरकी पौड़ी पर खुलेआम बिक रही है प्लास्टिक की केनें, निगम मूकदर्शक बना

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): हरकी पौड़ी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद भी प्लास्टिक की केनें व अन्य खाद्य सामग्री खुलेआम बिक रही हैं और निगम के अधिकारी व कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

05:57 PM Jul 05, 2022 IST | Desk Team

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): हरकी पौड़ी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद भी प्लास्टिक की केनें व अन्य खाद्य सामग्री खुलेआम बिक रही हैं और निगम के अधिकारी व कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं।

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): हरकी पौड़ी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद भी प्लास्टिक की केनें व अन्य खाद्य सामग्री खुलेआम बिक रही हैं और निगम के अधिकारी व कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं। खुलेआम बिक रही प्लास्टिक की केने के कारोबार ने नगर निगम के दावों की हवा निकाल कर रख दी है। विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर एनजीटी ने प्लास्टिक की केन और सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगाई है, बावजूद इसके हरकी पैड़ी पर धड़ल्ले से प्लास्टिक केन बेची जा रही हैं। अधिकारियों की टीम हालांकि समय-समय पर प्लास्टिक केन और प्लास्टिक चटाई बेचने वालों पर चालान की कार्रवाई करती है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है।
गौर हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के साफ आदेश हैं कि हरकी पैड़ी पर प्लास्टिक की केन और चटाई नहीं बेची जाएगी। प्रशासन आज तक एनजीटी के आदेशों को धरातल पर नहीं उतार सका है, हालांकि, नगर निगम की यह योजना अगर सही ढंग से लागू हुई तो गंगा घाटों पर प्लास्टिक से होने वाली गंदगी जरूर कम हो जाएगी। बाहर से आने वाले यात्री भी इन प्लास्टिक केनों में गंगाजल भरकर ले जा रहे हैं, ऐसे में अब नगर निगम ने प्लास्टिक केन का विकल्प तैयार करने को लेकर योजना बनाई है।
दरअसल, हरिद्वार नगर निगम ने हरकी पैड़ी समेत दूसरे गंगा घाटों पर प्लास्टिक केन का इस्तेमाल बंद करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह के साथ मिल कर प्लास्टिक केन का विकल्प तैयार किया है, जिसमें महिलाओं के समूह कांच, स्टील और बांस की बोतल तैयार करके हरकी पैड़ी पर बेचेंगे। इससे एक तरफ महिलाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ यात्री प्लास्टिक केन का इस्तेमाल करने से परहेज करेंगे।
धर्मनगरी हरिद्वार में प्लास्टिक का विकल्प तैयार किया गया है। प्लास्टिक पर रोक के लिए नगर निगम ने गंगा जल ले जाने के लिए जूट, कांच और बांस की बोतल बनवाई है। वहीं गंगा घाटों में बैठने के लिए जूट, कपड़े और रैक्सीन की चटाई तैयार की गई है। हरकी पैड़ी पर प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक की केन और प्लास्टिक की चटाई का प्रयोग हो रहा है।प्रतिबंधित सामानों के प्रयोग पर कार्रवाई के बाद भी इन पर रोक नहीं लग रही है। जिसका मुख्य कारण विकल्प न होना माना जा रहा था।गंगा घाट पर इनके प्रयोग को रोकने के लिए हरिद्वार नगर निगम ने पहल की है। इस सम्बन्ध में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सीसीआर में इन बोतलों और चटाई को लोगों को उपलब्ध कराने की पहल का शुभारंभ किया।
नगर आयुक्त ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से विकल्प तैयार किया है। अब श्रद्धालु जूट, बांस और कांच से बनी बोतलों में गंगा जल ले जा सकेंगे। सोमवार को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस पहल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी गंगा घाट पर देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छा संदेश मिलेगा। प्रेमचंद ने कहा कि शहर के विकास के लिए मेयर, नगर आयुक्त और पार्षदों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। यदि अपने शहर को स्वच्छता से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में अग्रणी रखना है तो ‘मैं’ नहीं ‘हम’ की भावना के साथ काम करना होगा। मेयर अनिता शर्मा ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक के लिए इस पहल को कारगर बताया।
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प्रतिबंध के बावजूद हरकी पौड़ी पर खुलेआम बिक रही प्लास्टिक की कैनें खोल रही निगम की पोल।
(छाया : पंजाब केसरी)
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