प्लेटफॉर्म बना डिलीवरी रूम: मेजर रोहित बचवाला ने रेलवे स्टेशन पर बचाई दो जिंदगियां
उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी घटना घटी, जिसने मानवता, साहस और सेवा भाव की नई मिसाल कायम कर दी। भारतीय सेना के मेडिकल कोर के अधिकारी मेजर रोहित बचवाला ने अपनी छुट्टी के दिन, भीड़ भरे स्टेशन को ही एक अस्थायी प्रसव कक्ष में बदल दिया और एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी करवा कर उसकी और नवजात बच्ची की जान बचा ली। मेजर रोहित, जो झांसी मिलिट्री अस्पताल में तैनात हैं, छुट्टियों में अपने परिवार से मिलने हैदराबाद जा रहे थे। तभी उन्होंने स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर एक महिला, अश्वरफलक कुरैशी, को तीव्र प्रसव पीड़ा में देखा। महिला अपने पति और एक छोटे बच्चे के साथ पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (15066) से यात्रा कर रही थी और ट्रेन में ही अचानक उसे लेबर पेन शुरू हो गया था। SOS संदेश मिलने पर रेलवे कर्मचारियों ने परिवार को झांसी स्टेशन पर उतारा।
एक महिला टिकट निरीक्षक महिला को व्हीलचेयर में चिकित्सा सहायता के लिए ले जा रही थी, लेकिन तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी थी। मेजर रोहित ने तत्काल हस्तक्षेप किया और बिना किसी देरी के प्लेटफॉर्म पर ही डिलीवरी शुरू कर दी।
उनके पास न तो चिकित्सा उपकरण थे, न ही कोई ऑपरेशन थियेटर, लेकिन उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और समझदारी का बेजोड़ उपयोग किया। जेब में रखे चाकू से नाल काटी, हेयर क्लिप से उसे क्लैंप किया और धोती से पर्दा बनाया। रेलवे की महिला स्टाफ, जैसे चीफ टिकटिंग एग्जामिनर लिली कुशवाहा ने क्षेत्र को सुरक्षित किया और दस्ताने जैसे आवश्यक सामान उपलब्ध कराए।
सिर्फ बच्ची ही नहीं, उम्मीद भी जन्मी
डिलीवरी सफल रही। बच्ची और मां दोनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई। मेजर रोहित की तत्परता और साहसिक फैसले ने साबित कर दिया कि असली नायक वो होते हैं जो संसाधनों की कमी में भी रास्ता ढूंढ लेते हैं।
महिला के पति मोहम्मद जुबैर कुरैशी ने भावुक होकर कहा, “मैं सेना के डॉक्टर और रेलवे की महिला स्टाफ का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं।” वहीं लिली कुशवाहा अस्पताल में मां-बेटी से मिलने भी पहुंचीं और नवजात के लिए कपड़े और खाना लेकर आईं।
सेना और देश का गर्व
मेजर रोहित बचवाला, भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड स्काइडाइविंग प्रशिक्षक जूनियर वारंट ऑफिसर बी.आर. विनोद के बेटे हैं और सेना की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। भारतीय सेना और रेलवे प्रशासन ने उनके इस कार्य की सराहना की है।
सर्जन वाइस एडमिरल अरति सारिन, डायरेक्टर जनरल, आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज ने उन्हें “सीमा से परे सेवा” का प्रतीक बताते हुए सेना की गौरवशाली परंपरा का सच्चा प्रतिनिधि कहा।
सोशल मीडिया पर भी उनके कार्य की जमकर तारीफ हुई। एक यूज़र ने लिखा: “छुट्टी पर सैनिक, पर फर्ज पर डॉक्टर। मेजर रोहित बचवाला ने जो किया, वो प्रेरणा है हर भारतीय के लिए।”